भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के आव्हान पर जंतर मंतर नई दिल्ली में पेंशनरों ने 20 मार्च को प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम दिल्ली प्रशासन के अधिकारी को 7सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस राष्ट्र व्यापी प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव एवम राष्ट्रीय सचिव पूरन सिंह पटेल,बस्तर से आर एन टाटी, दुर्ग से बी के वर्मा, कांकेर के ओ पी भट्ट, नारायणपुर एस एन देहारी, रायपुर से अनिल गोल्हानी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य से 46 पेंशनरों ने भाग लिया।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के नेता बी एस दसमेर और पी आर काटोलकर ने
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया है कि यह आंदोलन *मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित कर 23 वर्षो से महंगाई राहत अथवा अन्य स्वत्वों के भुगतान हेतु दोनों राज्यों के बीच बजट आबंटन के लिए सहमति की बाध्यता को समाप्त कर मध्यप्रदेश – छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों के पेंशनर और परिवार पेंशनरों के साथ न्याय करने*,*सांसदों और विधायकों की भांति सेवानिवृत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को भी आयकर में पूरी छूट दिए जाने*,*केन्द्र सरकार द्वारा घोषित महंगाई राहत की किस्त देने हेतु राज्य सरकार को बाध्यकारी बनाने*, *रेलयात्रा में वरिष्ठ नागरिकों दी जाने यात्रा किराया में बंद छूट तुरन्त बहाल करने*,*सांसद राधामोहन सिंह कमेटी की प्रतिवेदन की अनुशंसा को तुरंत लागू कर अतिरिक्त पेंशन वृद्धि की आयु सीमा को संशोधित कर 80 वर्ष के स्थान पर 65 वर्ष किए जाने*,*नि:शुल्क चिकित्सा व्यवस्था सभी राज्यों में लागू के किये जाने*,*पेंशनर्स के मृत हो जाने पर उनके परिवार को दाह संस्कार हेतु एग्रेसिया राशि का भुगतान की सुविधा देने* आदि मांगों को लेकर किया गया।