प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने जन सुरक्षा प्रदान करने के 8 साल पूरे

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि ये तीन जन सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई लिए समर्पित हैं और अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं के खिलाफ मानव जीवन को सुरक्षा प्रदान करती हैं

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने जन सुरक्षा योजनाओं के कवरेज को और बढ़ाने के लिए इससे जुड़े (फील्ड स्तर) पदाधिकारियों को प्रोत्साहित किया

New Delhi (IMNB).
  • पीएमजेजेबीवाई: अब तक कुल 16 करोड़ से अधिक नामांकन
  • पीएमएसबीवाई: अब तक कुल 34 करोड़ से अधिक नामांकन
  • एपीवाई: 5 करोड़ से अधिक ग्राहक

 

अब जब हम तीन जन सुरक्षा योजनाओं – प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की 8वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तो आइए हम देखें कि इन योजनाओं ने कैसे लोगों के लिए किफायती बीमा और सुरक्षा मुहैया कराई, इन योजनाओं की उपलब्धियां और मुख्य विशेषताएं क्या हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई का शुभारम्भ 9 मई, 2015 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल से किया था।

ये तीनों योजनाएं नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो अप्रत्याशित घटना और वित्तीय अनिश्चितताओं से मानव जीवन को सुरक्षित करने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के असंगठित वर्ग के लोग वित्तीय रूप से सुरक्षित रहे, दो बीमा योजनाएं शुरू कीं – पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई। इसके साथ ही सरकार ने वृद्धावस्था की जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए अटल पेंशन योजना- एपीवाई भी शुरू की।

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने इन तीनों जन सुरक्षा योजनाओं के पीछे की परिकल्पना को याद करते हुए कहा, “वर्ष 2014 में राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन को यह सुनिश्चित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था कि भारत के प्रत्येक नागरिक की पहुंच बैंकिंग सुविधाओं, वित्तीय साक्षरता और सामाजिक सुरक्षा कवरेज तक बढ़े। इस पहल के आधार पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 9 मई 2015 को देश में वित्तीय समावेशन को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन तीन जन सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की।“

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “ये तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए समर्पित हैं, जो अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं की स्थिति में मानव जीवन की सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य वंचित पृष्ठभूमि के लोगों को आवश्यक वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी वित्तीय कमजोरी दूर किया जा सके।

श्रीमती सीतारामन ने जन सुरक्षा योजनाओं की 8वीं वर्षगांठ पर आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 26 अप्रैल 2023 तक पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई के तहत क्रमश: 16.2 करोड़, 34.2 करोड़ और 5.2 करोड़ नामांकन किए गए हैं।

पीएमजेजेबीवाई योजना के बारे में वित्त मंत्री श्रीमती सीतारामन ने बताया कि इस योजना ने 6.64 लाख परिवारों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है और बीमा दावों के रूप में इन परिवारों को 13,290 करोड़ रुपये मिले।

श्रीमती सीतारामन ने कहा कि पीएमएसबीवाई योजना के तहत 1.15 लाख से अधिक परिवारों को 2,302 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई दोनों योजनाओं के लिए दावा प्रक्रिया को आसान बनाने की वजह से दावों का तेजी से निपटान हुआ है।

श्रीमती सीतारमण ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि इन योजनाओं को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिए लक्षित दृष्टिकोण के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से समर्पित है कि इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पूरे देश में प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।

इस अवसर पर, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा, “सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक लक्षित दृष्टिकोण अपनाया है और योजना के तहत पूरे देश में पात्र लाभार्थियों को कवरेज प्रदान करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में अभियान चलाए जा रहे हैं।

इन जन सुरक्षा योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए इससे जुड़े (फील्ड लेवल) सभी पदाधिकारियों को बधाई देते हुए डॉ. कराड ने उन्हें इन योजनाओं से जुड़ने वाले लोगों की संख्या (कवरेज) और बढ़ाने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।

हम जन सुरक्षा योजनाओं की 8वीं वर्षगांठ मना रहे हैंतो ऐसे में आइए, अब तक की उनकी विशेषताओं और उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं।

1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)

योजना: पीएमजेजेबीवाई एक साल की जीवन बीमा योजना है जो किसी भी कारण से होने वाली मृत्यु को कवर करती है। इसका साल-दर-साल नवीकरण किया जाता है।

पात्रता: 18-50 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत नामांकन के लिए पात्र हैं। 50 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले योजना में शामिल होने वाले लोग नियमित प्रीमियम के भुगतान पर 55 वर्ष की आयु तक जीवन के जोखिम को जारी रख सकते हैं।

लाभ: 436/- रुपये प्रति वर्ष की प्रीमियम पर किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का जीवन कवर।

नामांकन: योजना के तहत नामांकन खाताधारक के बैंक की शाखा/बीसी पॉइंट या बैंक की वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के मामले में डाकघर में किया जा सकता है। योजना के तहत प्रीमियम खाताधारक के एकमुश्त शासनादेश के आधार पर ग्राहक के बैंक खाते से हर साल ऑटो डेबिट किया जाता है। योजना और प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में) https://jansuraksha.gov.in पर उपलब्ध है।

उपलब्धियां: 26.04.2023 तकयोजना के तहत कुल नामांकन 16.19 करोड़ से अधिक हो गए हैं और 6,64,520 दावों के लिए 13,290.40 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)

योजना: पीएमएसबीवाई एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है जो दुर्घटना के कारण मृत्यु या दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करती है और यह साल-दर-साल नवीकरणीय है।

पात्रता: 18-70 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत नामांकन के लिए पात्र हैं।

लाभ: दुर्घटना के कारण मृत्यु या दिव्यांगता के लिए 20/- रुपये प्रति वर्ष की प्रीमियम पर 2 लाख रूपये (आंशिक विकलांगता के मामले में रु. 1 लाख) का दुर्घटना मृत्यु सह विकलांगता कवर मिलता है।

नामांकन: योजना के तहत नामांकन खाताधारक के बैंक की शाखा/बीसी प्वाइंट या बैंक की वेबसाइट पर या डाकघर बचत बैंक खाते के मामले में डाकघर में जाकर किया जा सकता है। योजना के तहत प्रीमियम खाताधारक के एकमुश्त शासनादेश के आधार पर ग्राहक के बैंक खाते से हर साल ऑटो डेबिट किया जाता है। योजना और प्रपत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में) https://jansuraksha.gov.in पर उपलब्ध है।

उपलब्धियां: 26.04.2023 तकयोजना के तहत कुल नामांकन 34.18 करोड़ से अधिक और 1,15,951 दावों के लिए 2,302.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

3. अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

पृष्ठभूमि: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाने के लिए शुरू की गई थी। यह असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और उनके भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है। एपीवाई का प्रबंधन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समग्र प्रशासनिक और संस्थागत ढांचे के तहत पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) करता है।

पात्रता: एपीवाई 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुला है जो आयकर दाता नहीं हैं और चुने गए पेंशन राशि के आधार पर देय योगदान अलग-अलग हैं।

लाभ: इस योजना में शामिल होने के बाद ग्राहक द्वारा किए गए योगदान के आधार पर उनकी 60 वर्ष की आयु के बाद ग्राहकों को गारंटीशुदा न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये या 5000 रुपये मिलती है।

योजना के लाभों का संवितरण: इसके तहत मासिक पेंशन ग्राहक को मिलेगी, और उसके बाद उसके पति या पत्नी को और फिर उन दोनों की मृत्यु के बाद ग्राहक की 60 वर्ष की आयु में संचित पेंशन राशि, ग्राहक के नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।

ग्राहक की असामयिक मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु) के मामले में, ग्राहक का पति या पत्नी शेष निहित अवधि के लिए ग्राहक के एपीवाई खाते में योगदान जारी रख सकते हैं, जब तक कि मूल ग्राहक की उम्र 60 वर्ष पूरी न हो जाए।

केंद्र सरकार द्वारा योगदान: न्यूनतम पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी, अर्थात, यदि योगदान के आधार पर संचित राशि निवेश पर अनुमानित रिटर्न से कम होती है और न्यूनतम गारंटी पेंशन प्रदान करने के लिए अपर्याप्त है, तो केंद्र सरकार ऐसी अपर्याप्तता को पूरा करने के लिए फंड देगी। वैकल्पिक रूप से, यदि निवेश पर प्रतिफल अधिक है, तो अभिदाताओं को बढ़ा हुआ पेंशन लाभ मिलेगा।

भुगतान आवृत्ति: ग्राहक मासिक / तिमाही / छमाही आधार पर एपीवाई में योगदान कर सकते हैं।

योजना से निकासी: सरकारी सह-योगदान और उस पर वापसी/ब्याज की कटौती पर कुछ शर्तों के अधीन सदस्य स्वैच्छिक रूप से एपीवाई से बाहर निकल सकते हैं।

उपलब्धियां: 27.04.2023 तक 5 करोड़ से अधिक लोगों ने योजना की सदस्यता ली है।

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