*देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और परिपक्वता से खोला उससे हमारा भविष्य सौहार्द और समन्वय से होगा युक्त*
यह क्षण उत्सव के साथ ही भारतीय समाज के परिपक्वता के बोध का भी है। यह क्षण विनय का है। हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और परिपक्वता से खोला है। यह बताता है कि हमारा भविष्य सौहार्द और समन्वय से युक्त होगा। राम आग नही हैं ऊर्जा है: राम विवाद नहीं राम समाधान हैं। राम वर्तमान नहीं राम अनंतकाल हैं। राम की प्राण प्रतिष्ठा से पूरा विश्व जुड़ा है। इसमें सर्व व्यापकता है। राम लला की प्रतिष्ठा वसुधैव कुटुंबकम् के भाव की भी प्राण प्रतिष्ठा है । यह मंदिर भारत के दर्शन का मंदिर, राम के चेतना का मंदिर है।