यहां विकास गांव में हो रहा है यहां का किसान खुश है और जितने भी कार्य हो रहे हैं, यहां स्थानीय निकायों से कार्य हो रहा है।
मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार ने पेसा कानून लागू करके इसे और भी सशक्त बनाया। आज भी अरबों रुपये के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण हुआ है।
यहां छत्तीसगढ़ की सरकार ने 24 घण्टे के भीतर ही ऋणमाफी करने का काम किया था। आज छत्तीसगढ़ की सरकार पुरानी पेंशन दे रही है।
यहां 5 सालो में करोड़ो रुपये जनता के जेब में डाले गए हैं, 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं।
उत्तर भारत में आवारा पशुओं की समस्या बनी हुई है, यहां छत्तीसगढ़ में मैं गर्व के साथ कहना चाहती हूं, गौठान बनने से आवारा पशुओं की समस्या हल हुई है और आपको लाभ भी हुआ है।
खेती में देशभर में किसान परेशान है, यहां का किसान खुश है कर्ज माफ किया गया है, समर्थन मूल्य में धान खरीदी हुई है।
आपकी उपज के लिए अतिरिक्त लाभ मिल रहा है, प्रदेश में जितना संसाधन है उसे आपको हाथों में वापस दिया जा रहा है।
भूमिहीन मजदूरों को 7 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जा रही है, गोबर से भी पशुपालकों को बहुत लाभ हो रहा है।
एक समय था जब जनप्रतिनिधियों की संख्या बहुत कम थी उससे यह होता था कि जितने निर्णय लेने थे वह सभी एक जगह केंद्रित हो जाते थे।
कई ऐसे कार्य होते थे जिन्हें होने में बहुत समय लगता था या कई ऐसे कार्य होते थे जिनकी जरूरत ही नहीं थी लेकिन इन सब में बहुत समय लगता था।
दिल्ली जाना पड़ता था, रायपुर आना पड़ता था तो जब पंचायती राज की बात हुई तब मंशा ये थी कि लोकतंत्र को गांवों तक पहुंचाया जाए। इसका मतलब है कि जो गांव का विकास है, इसका निर्णय गांव करें, गांव के ही प्रतिनिधि करें।
आप सब यहां बैठे हैं, आप जानते हैं कि ग्राम पंचायत में किस तरह के काम होने हैं और किस तरह के कामों को होना चाहिए।
आप अपने लोगों के हित में निर्णय ले सके, यही मूल बात है।
लोकतंत्र की नींव पंचायत में, गांव में, नगर पालिकाओं में बसती है। आप सब की जिम्मेदारियां बहुत बड़ी हैं। मैं जानती हूं अपनी जिम्मेदारियां को आप बहुत परिश्रम के साथ पूरा करते हैं।