Thursday, April 25

गौठानों में 28 जुलाई हरेली पर्व से गोमूत्र की खरीदी

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 28 जुलाई हरेली पर्व से गौमूत्र खरीदी की शुरुआत करने जा रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम करसा में गौठान से गोमूत्र की खरीदी कर इसका विधिवत शुभारंभ करेंगे . रायपुर जिले में गोमूत्र की खरीदी की शुरुआत अभनपुर विकासखंड के नवागांव (ल) तथा आरंग विकासखंड के ग्राम बड़गांव के गौठान से होगी.

गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में आज से 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी . इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है. देश- दुनिया में गोबर की खरीदी की अभिनव योजना की सफलता ही इसका आधार बनी है. गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद ,जीवामृत ,ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे, ताकि राज्य के किसानों को महंगे रासायनिक कीटनाशकों के बदले सस्ते दर पर जैविक कीटनाशक उपलब्ध हो सके . इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके . अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है. भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है.

खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.अब गौठनों में गोमूत्र की खरीदी कर प्रशिक्षित महिला समूह के माध्यम से इससे कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत आदि तैयार किए जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी . कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक का बहुत ही बेहतर और सस्ता विकल्प है . इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है. खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है . पत्ती खाने वाले ,फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभाव कारी है. इसका उपयोग कृषि- पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांव , ग्रामीणों और किसानों की दशा और दिशा को संवारने के लिए स्थानीय संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की पहल की . उन्होंने सुराजी गांव योजना के माध्यम से राज्य में बरसाती नालों के साथ-साथ पशुधन के संरक्षण और संवर्धन ,जैविक खेती को बढ़ावा तथा पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए नरवा ,गरवा, घुरवा, बाड़ी को प्रमोट करने का अभियान संचालित किया. सुराजी गांव योजना के गरवा कार्यक्रम के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान बन गए हैं , जहां पशुओं के देखरेख चारा- पानी का निशुल्क प्रबंध है . इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है . जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं.

राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है. महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 क्विंटल से अधिक जैविक खाद जिसमें वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट , सुपर कंपोस्ट प्लस शामिल है, तैयार कर राज्य के किसानों को उपलब्ध कराया है. गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है . गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा. इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा.

मुख्यमंत्री 28 जुलाई को कम्पोस्ट उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों को जारी करेंगे बोनस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 28 जुलाई को हरेली पर्व के अवसर पर गौठानों से जुड़े कम्पोस्ट उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को बोनस वितरण करेंगे. मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पूर्वान्ह 11.30 बजे से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री बघेल 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपये और सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ की राशि बोनस के रूप में देंगे.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर रहीं महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट की प्रति किलो मात्रा पर एक रुपये तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे की दर से प्रोत्साहन (बोनस) राशि देने का निर्णय लिया गया था. इसी तारतम्य में 28 जुलाई को 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ तथा सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप में जारी की जाएगी.

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि राज्य के कई ऐसे महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक का बोनस मिलेगा. राज्य के शहरी क्षेत्र के कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में राजनांदगांव स्वच्छ शहरी महासंघ को सर्वाधिक 21 लाख 13 हजार 270 रूपये का बोनस मिलेगा. इसी तरह स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सिटी लेबल फेडरेशन 20 लाख 6 हजार 995 रूपये, स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ को 9 लाख 80 हजार 702 रूपये, एकता क्षेत्र स्तरीय संघ सिमगा को 7 लाख 1 हजार 624 रूपये, मां दुरपता समूह गंडई को 6 लाख 37 हजार 978 रूपए, मां मरियम स्व-सहायता समूह रायपुर को 5 लाख 91 हजार 270 रूपये, स्वच्छ दल्लीराजहरा क्षेत्र स्तरीय संघ को 4 लाख 52 हजार 632 रूपये, कान्हा महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को 4 लाख 22 हजार 780 रूपये, गोधन शहर स्तरीय संगठन खैरागढ़ को 3 लाख 93 हजार 31 रूपये तथा स्वच्छ चिरमिरी संगठन समूह को 3 लाख 65 हजार 165 रूपये का बोनस दिया जाएगा.

इसी तरह ग्रामीण अंचल के टॉप-10 कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के ग्राम्यस्व-सहायता समूह को 3 लाख 69 हजार 17 रूपये, बस्तर जिले के बकावण्ड के पंचवटी स्व-सहायता समूह को 3 लाख 65 हजार 420 रूपये, महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के जय मां भवानी को 3 लाख 29 हजार 420 रूपये, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के डोन्डे समूह को 2 लाख 79 हजार 846 रूपए, रायगढ़ विकासखंड के जय मां संतोषी समूह को 2 लाख 59 हजार 960 रूपये, रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के सीता महिला संगठन को 2 लाख 25 हजार 17 रूपये, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड के जय मौली माता समूह को 2 लाख 24 हजार 40 रूपये, बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड के जय सतनाम स्व-सहायता समूह को 2 लाख 14 हजार 20 रूपये, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौ-सेवा महिला स्व-सहायता समूह सेन्दर को 2 लाख 12 हजार 490 रूपये तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के राजलक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह टेकरीकुंडा को 2 लाख 10 हजार 253 रुपये बोनस मिलेगा.

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