*नई सरकार गठन के बाद शासी परिषद की हुई दूसरी बैठक*
*अपूर्ण कार्य शीघ्र पूर्ण करें, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 81 करोड़ की कार्य-योजना का हुआ अनुमोदन*
रायपुर ,23 दिसंबर 2024/ कैबिनेट मंत्री श्री टंक राम वर्मा एवं कलेक्टर श्री दीपक सोनी की अध्यक्षता में बालौदाबाज़ार जिला खनिज न्यास संस्थान के शासी परिषद की बैठक हुई। बैठक में अपूर्ण कार्याे को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिए गए।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लगभग 81 करोड़ की कार्य-योजना का अनुमोदन किया गया है, जिसमें 2024-25 के कार्य योजना अन्तर्गत प्राथमिक सेक्टर के 49 करोड़ रूपये एवं अन्य सेक्टर के लिए 32 करोड़ रूपये के कार्य शामिल हैं। उक्त बैठक में जांजगीर चांपा सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े,विधायक भाटापारा इंद्र साव, बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे, सदस्य अजय राव, संकेत अग्रवाल, चित्ररेखा साहू अन्य नामांकित सदस्यों सहित जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल, डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित अन्य समस्त विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कैबिनेट मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि डीएमएफ का ग्रामीण विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान है। हमारी सरकार एक नई सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हुए डीएमएफ की राशि का उचित उपयोग करेगी। समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को उसका लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि सभी निर्माण एजेंसियां समय सीमा के भीतर गुणवत्त्तापूर्ण कार्य करें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्त्ता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नही किया जाएगा। श्री वर्मा ने कहा कि निर्माण कार्यों से ज्यादा प्राथमिकता सेवा संबंधी कार्यों को दिए गए हैं। अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, टेक्निशियन के रिक्त पदों पर डीएमएफ के मद से पूर्ति की जाएगी। जिन विकास कार्यों के लिए सरकार से नियमित रूप से बजट नहीं मिल पाती है, उनके लिए गैप फिलिंग के तौर पर काम लिया जाएगा। इसके अतरिक्त अन्य कार्यों को सैद्धांतिक स्वीकृति भी प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि उपलब्ध कुल राशि 60 प्रतिशत काम उच्च प्राथमिकता के और 40 प्रतिशत काम अन्य प्राथमिकता के कामों में खर्च किए जाएंगे। पदेन सचिव जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल ने बताया कि उच्च प्राथमिकता के अंतर्गत पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सुरक्षा, शिक्षा, कृषि एवं अन्य गतिविधियां,महिला एवं बाल विकास,वृद्ध एवं निःशक्तजन कल्याण, कौशल विकास एवं रोजगार,स्वच्छता, जनकल्याण के काम, सतत जीविकोपार्जन और इन कामों को संपादित करने के लिए मानव संसाधन की आपूर्ति शामिल हैं।