साइंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मानव कल्याण के लिए हो-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भारत दुनिया के कल्याण के लिए नई दिशा प्रदान कर रहा है
मुख्यमंत्री ने साइंस-20 कॉन्फ्रेंस में आए प्रतिनिधियों से किया संवाद

विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए मर्यादित रूप में हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रकृति का शोषण नहीं होना चाहिए, मानव कल्याण के लिए उसका सही दिशा में दोहन किया जाए। प्रकृति की पूजा करें। टेक्नोलॉजी मनमानी करने के लिए नहीं है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का व्यर्थ दोहन न हो। विज्ञान टेक्नोलॉजी का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। इसका उपयोग सुशासन के लिए होना चाहिए। विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए मर्यादित रूप में हो। वैज्ञानिकों का कर्त्तव्य है कि साइंस का उपयोग विनाश के लिए नहीं बल्कि रचनात्मकता के लिए किया जाए। लोगों की समस्याओं के समाधान, उनके कल्याण और आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती को रहने लायक बनाने टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग करें। दुनिया की भलाई के लिए ही टेक्नोलॉजी का उपयोग हो।

पर्यावरण संतुलन बनाए रखना आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भौतिक और नैतिक दोनों का समन्वय करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना बेहतर है। लोगों का जीवन स्तर सुधारने और बेहतरी के लिए विज्ञान का उपयोग हो। हमें पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और प्रदूषण फैलने से रोकने के उपाय सुनिश्चित करने होंगे। पेड़-पौधे, कीट-पतंगे तथा जीव-जंतुओं की प्रजातियाँ समाप्त न हों, इस पर भी ध्यान देना होगा। जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलकर सभी के कल्याण के लिए अपना योगदान दें। विज्ञान का अमर्यादित उपयोग न हो। हम सब एक हैं, एक ही चेतना हैं। प्रेम, स्नेह, शांति और आत्मीयता बनाए रखकर एक-दूसरे के लिए सदैव खड़े रहें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रांरभ में सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों का स्टॉल भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। देश के दिल की राजधानी भोपाल में आपका हृदय से स्वागत है। उल्लेखनीय है कि एस-20, जी-20 का भाग है। वैज्ञानिक तरीके से यह लोगों की समस्याओं को समझने और निदान करने के लिए प्रयासरत है। सम्मेलन में साइंस को सोसायटी और कल्चर के साथ जोड़ने के लिए गहन विचार-विमर्श हुआ।

भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष तथा पद्मविभूषण से सम्मानित डॉ. राजगोपाल चिदंबरम, इंडोनेशिया के प्रतिनिधि प्रो. अहमद नजीब बुरहानी, ब्राज़ील के प्रतिनिधि प्रो. रुबेन ओलिवन, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, डॉ. आलोक श्रीवास्तव तथा श्री अजय प्रकाश साहनी सहित अन्य वैज्ञानिक प्रतिनिधि मौजूद थे।

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