वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर शर्मा की बात बेबाक

बचपन मे एक कहावत सुनी थी ” झूठ बोले कौवा काटे ” हमारे बाप दादा इस कहावत के जरिये हमे डरा धमकाकर सच बोलने की नसीहतें देते नही थकते थे । झूठ बोलते पकड़े जाने पर जमकर ठुकाई भी होती थी । जैसे जैसे कौवो की प्रजाति विलुप्त होती जा रही वैसे वैसे झूठ बोलने से कौवे के काटने का डर खत्म होते जा रहा आम आदमी तो आम आदमी नेता तक झूठ बोलने के आदी और किये वादों को भूलने लगा है ।
छत्तीसगढ़ की राजनीति भी इन दिनों मतिभ्रम , वादाखिलाफी , भूलने भुलाने की बातों के इर्दगिर्द घूम रही है । कांग्रेसी मोदी की गारंटी के नाम पर वादाखिलाफी व किसानों से धोखा को ले भाजपाइयों को घेरने भिड़े है तो भाजपाई कका राज के गोबर घोटाले से लेकर शराब , कोयला घोटाले के नाम पर लट्ठ ले पीले पड़े है ।
लकड़ी की कुर्सी जिस पर बैठ कर फीलगुड महसूस होता है राजनीति का केंद्र बिंदु है जिस पर बैठने की चाहत आदमी को नेता और नेता को लबरा बना देती है । कुर्सी की चाहत में आम आदमी से नेता और नेता से लबरा बनने तक का सफर तय करने के लिए आदमी को भूलने की बीमारी को अपना अनिवार्य अंग बनाना ही पड़ता है ।
का है न नेता बेचारा जनता जनार्दन के लिए पब्लिक फीगर , रहनुमा और न जाने क्या क्या होता है । अपने नेतागिरी के भेष में अपने विभिन्न रोल को अभिनीत करते करते बेचारा खुद को भी भूल जाता है अब बेचारा कितना और क्या-क्या याद रखेगा ? झूठ बोलने की अदा और भूलने की बीमारी ना हो तो बेचारा पगला नही जाएगा , दिमाग नहीं फट जायेगा । नेता जी ने मन की शांति और निःशफिकर जीवन के लिए खुद को याद रखने की जिम्मेदारी से पूरी तरह मुक्त किया हुआ है । नेता, नई हैसियत में आते ही पुराने दिन भूल जाते हैं। वाकई, नेता को कुछ भी याद नहीं रहता है। जनता से किया वायदा, ली गई शपथ , संस्कार, नैतिकता, आदर्श, ईमानदारी के साथ साथ भूलने के ढेर सारे मुद्दे हैं। सब कुछ बारी-बारी से भुला दी जाती है। अधिकांश नेता तो अपनी पार्टी , धर्म , खानदान तक भूल जाते हैं। बस नेताओं को फील गुड कराने वाली वो लकड़ी की कुर्सी जरूर याद रहती है।

चलते चलते :-
गोरहीन टुरी – महराज आजकल दबंग अउ इनामदार वर्दी वाले साहब मन बोल के अपराधी मन ल छोड़ देथे कुछु सेटिंग वेटिंग चलत हवय का ।
लपरहा टुरा – तै नई समझस पगली मलाईदार कुर्सी पाना हे त खादी अउ खाकी के मितानी जरूरी हवय ।

और अंत में :-
नर्म गद्देदार सोफे पर बैठा होगा कहीं,
सांप अब पिटारों में कहाँ मिलता है।।
#जय_हो 16 मार्च 2024 कवर्धा (छत्तीसगढ़)

Related Posts

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय किसान दिवस की दी बधाई

*मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उन्हेें किया नमन* रायपुर 22 दिसम्बर 2024/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी किसानो को राष्ट्रीय…

मसीही समाज ने ख्रीस्त जन्मोत्सव पर क्रिसमस सदभावना मेगा रैली निकाली

रायपुर। राजधानी रायपुर में रविवार को मसीही समाज ने ख्रीस्त जन्मोत्सव पर क्रिसमस सदभावना मेगा रैली निकाली। करीब दो किलोमीटर लंबी रैली में 10 हजार मसीहीजन जुटे। रैली में छत्तीसगढ़…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *