Saturday, September 7

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की कलम… टेक इट ईज़ी अखिलेश के यहां सें हुई टोंटी चोरी शिव डहरिया के बंगले से टीवी-एसी

जब भी कोई किराएदार मकान खाली करता है तो वो मकान से लगाव नहीं दिखाता, चाहे वो कितना भी लंबा समय वहां रहा हो या कितनी भी उसकी यादें उस घर से जुड़ी हों, बल्कि जितना तिया-पांचा कर सकता है, करता है, जितना माल भसका सकता है, भसका लेता है।

कुछ बरस पूर्व जब यूपी के सपा नेता अखिलेश यादव ने बड़ी बेदिली से दिल्ली का बंगला खाली किया था तो इस बात से खुन्नस खाकर कि केंद्र सरकार ने उनके साथ कोई मुरव्वत नहीं की, अखिलेश यादव ने बड़े ही बेमुरव्वत ढंग से बंगले के नल की टांेटियां निकाल दीं जिसे टोंटी चोरी के नाम से प्रचारित किया जाता रहा है।
हम नहीं कह रहे हैं भाई…. । नहीं तो इस जिसकी लाठी उसकी भैंस की परंपरा कायम है तो हम ही को घेर लो….

इस बार छत्तीसगढ़ में नवनियुक्त स्वास्थ्यमंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जब आबंटित बंगले में प्रवेश किया तो दंग रह गये। उन्हें जगह-जगह  एसी और टीवियां गायब मिलीं। उन्होंने स्पष्ट रूप् से पूर्व मंत्री शिव डहरिया पर चोरी का आरोप लगाया।
देश तरक्की कर रहा है सबका विकास हो रहा है, इसका ये एक अच्छा उदाहरण कहा जा सकता है। पहले केवल टोंटी चोरी हुई थी अब कीमती बिजली सामान, लाईट के कीमती खम्भे, बाथरूम फिटिंग, आईने और सबसे कीमती एसी और टीवी गायब हैं।

‘अवाम के लिये अच्छा’

देश की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी होने जा रही है लगातार देश मजबूत हो रहा है। ये कोई भाजपाई कह रहा है ऐसा नहीं है। ये कथन बड़ी-बड़ी आर्थिक विश्लेषण करने मे एक्सपर्ट संस्थाओं का है। ये कथन अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थाओं का है।
हमारी केंद्र सरकार लगातार इस दिशा मे काम कर रही है। बिना किसी स्वार्थ के केवल और केवल ‘अवाम के लिये अच्छा’ के सिद्धांत पर काम कर रही है।
इसी क्रम में सरकार प्रयास कर रही है कि एक ही बार में सारे देश के चुनाव हांे यानि एक साथ। इससे व्यवस्था के लिये बार-बार बेतहाशा होने वाले खर्च पर अंकुश लगाया जा सकेगा। नीचे से उपर तक सारे चुनाव एक साथ होंगे तो अंदाजा लगाईये कि एक ही खर्च में सारे निपट जाने से कितना धन बचेगा।
दूसरा सुधार ये होना चाहिये कि प्रत्याशी जो खर्च करते हैं, उस पर रोक लगनी चाहिये। सब जानते हैं कि सारे दलों के प्रत्याशी वोटर्स को रिश्वत देते हैं। नगद रूप्ये बंटते हैं। पहले जंोर शराब और साड़ी पर होता था। फिर बड़े-बड़े इलेक्ट्राॅनिक सामान भी बंटने लगे।
अब नगद बांटना सुरक्षित और सुविधाजनक लगता है। कुल मिलाकर बेहिसाब पैसा बंटता है और बाद में सत्ता में आने के बाद वो वसूला जाता है।
इस परम्परा पर किसी तरह रोक लगनी चाहिये।
जब पैसे का बोलबाला नहीं होगा तब अच्छे लोगों को मौका मिलेगा और अच्छे लोग सत्ता में आएंगे तो अवाम के लिये अच्छा होगा।

अपने ही गठजोड़ में
कील लगाते विपक्षी नेता

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कगजम से लोकसभा सदस्य दयानिधि मारन ने फिर एक बार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार दी। अपने पैर पर कुल्हाड़ी यानि मोदीजी के विरोध की मुहिम को और कमजोर कर दिया।
जब भी हिंदु धर्म और हिंदुओे के खिलाफ कोई बात कही जाती है तो सारे देश के हिंदु एक होने लगते हैं और इससे मोदीजी और भाजपा को  फायदा होने लगता है। जाहिर है इससे इण्डी गठबंधन को धक्का लगता है और इस बार भी लगेगा।
मारन ने अपने बयान में कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश के हिंदी बोलने वाले तमिलनाडु में आकर टाॅयलेट और रोड साफ करते हैं। जाहिर है इस बयान को भाजपा ने भुनाने में देर नहीं की और इण्डिया गठबंधन के सभी दलों कटघरे में खड़ा कर दिया।
बिहार के राजद नेता तेजस्वी यादव इस पर बिफर गये हैं। बस ऐसे ही कारनामों से विपक्ष मे आपसी कलह पड़ जाती है। अपने-अपने वोट बैंक हैं जिस पर कोई आंच नहीं आने देना चाहता। कोई उसूलों और आदर्शों का गठजोड़ तो है नहीं।

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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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