Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the posts-data-table domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/u570692103/domains/imnb.org/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज – IMNB NEWS AGENCY

कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज

Krishna Janmabhoomi case मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के विवाद से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि मामले से जुड़े 15 मामलों को एक साथ सुनने की बात की थी जिसके खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी। हालांकि वह अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है

Krishna Janmabhoomi case: कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से झटका, मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज

पीटीआई, नई दिल्ली। मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। साथ ही, शीर्ष अदालत ने मुस्लिम पक्ष से हाईकोर्ट जाने को कहा है। दरअसल, मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इस विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का फैसला लिया था।

शीर्ष अदालत ने वापस हाई कोर्ट जाने का दिया आदेश
पीठ ने मुस्लिम पक्ष को आदेश दिया, “याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को वापस लेने का आह्वान किया है। हम उच्च न्यायालय के समक्ष पुनर्विचार याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता के साथ वर्तमान एसएलपी को खारिज करते हैं।”

 

हाईकोर्ट का कहना था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं और इनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है। ऐसे में, समय बचाने के लिए इन मुकदमों की सुनवाई एक साथ होनी चाहिए।

दिसंबर 2020 के बाद दर्ज हुए कई मामले
हिंदूवादी ने उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन में कहा कि 25 सितंबर, 2020 को मथुरा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष मूल मुकदमा दायर किए जाने के बाद, 13.37 एकड़ भूमि के संबंध में कई अन्य मुकदमे दायर किए गए थे।

उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था, “ये मुकदमे समान प्रकृति के हैं। इन मुकदमों में कार्यवाही की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है। अदालत का समय बचाने के लिए, होने वाले खर्च को बचाया जा सकता है।”

 

शीर्ष अदालत में पहले से दायर याचिका
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शीर्ष अदालत पहले से ही मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर विचार कर रही है, जिसमें मथुरा अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मामलों को खुद को स्थानांतरित करने के उच्च न्यायालय के 26 मई, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है। हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय के समक्ष आग्रह किया था कि उसकी मूल सुनवाई उसी तरह चलानी चाहिए जैसे उसने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद में की थी।

 

Related Posts

मुख्यमंत्री सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के  दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विगत दिवस राजधानी रायपुर के होटल अंब्रेसिया में छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय…

छत्तीसगढ़ में ई-ऑक्शन से ईमारती लकड़ी, बांस, बल्ली की नीलामी

*मंत्री श्री कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित आईडीसी की बैठक में लिया फैसला* रायपुर, 21 नवम्बर 2024/छत्तीसगढ़ राज्य में वन विभाग ई-ऑक्शन के माध्यम से ईमारती काष्ठ, बांस, बल्ली और…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *