Saturday, July 27

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने विशेष अभियान 3.0 के तहत स्क्रैप को प्रतिमाओं में बदला

7 करोड़ रुपये मूल्य के 1,344 मीट्रिक टन स्क्रैप का निपटारा किया

New Delhi (IMNB). कोल इंडिया की सहायक कंपनी, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) विशेष अभियान 3.0 के तहत, सक्रिय रूप से सफाई कार्यों को करते हुए स्क्रैप सामग्री का निपटान किया और जगह खाली की है। इसके साथ ही एक कदम आगे बढ़ते हुए, पीएसयू ने खनन स्क्रैप सामग्री को सुंदर प्रतिमाओं में बदलकर इस अभियान को कचरे के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के अवसर के रूप में लिया है।

सरकार ने स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने और परिपूर्णता दृष्टिकोण के साथ सरकारी कार्यालयों में लंबित मामलों को कम करने के लिए इस वर्ष 2 से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान 3.0 आयोजित करने की घोषणा की है। अभियान का एक प्रमुख घटक उन स्क्रैप सामग्रियों का निपटान करना है जो अब उपयोगी नहीं हैं।

एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र ने विशेष अभियान 3.0 कार्यों के तहत “स्क्रैप से प्रतिमा” बनाने की पहल की है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कोयला खदानों की स्क्रैप सामग्री को विभिन्न रचनात्मक प्रतिमाओं में परिवर्तित करना था।

कोयला खान ने मध्य प्रदेश के अनुपपुर जिले के जमुना कोतमा क्षेत्र के बंकिम विहार में स्क्रैप से बनी इन प्रतिमाओं को रखने और प्रदर्शित करने के लिए एक सार्वजनिक पार्क की स्थापना की है। स्थापित स्क्रैप-निर्मित प्रतिमाओं में मुख्‍य रूप से कोयला खदान मजदूर, एक शेर, एक क्रेन पक्षी और एक फूल की प्रतिमा हैं।

कोयला खदान श्रमिक की प्रतिमा टोर छड़ों के स्क्रैप, हल्के स्टील के कटे हुए टुकड़ों, कन्वेयर बेल्ट के बेयरिंग हाफ़ और रोलर्स से बनी है। इस मूर्ति का वजन लगभग 1.7 टन है।

लगभग 1.5 टन वजनी, शेर की मूर्ति टोर रॉड्स, हल्के स्टील के कटे हुए टुकड़ों, धातु की पट्टियों, बेयरिंग हाल्‍व, बेयरिंग बोल्स और कन्वेयर बेल्ट के रोलर्स के स्क्रैप से बनी है।

 

क्रेन पक्षी और फूलों की प्रतिमाएं टोर छड़ों के स्क्रैप, हल्के स्टील के कटे हुए टुकड़ों, धातु की पट्टियों, बियरिंग हाल्‍वों और बियरिंग बॉल्‍स, विभिन्न आकार के पाइपों के कटे हुए टुकड़ों और कन्वेयर बेल्ट के रोलर्स से बनाई गई है और प्रत्येक का वजन क्रमशः 2.3 टन और 1.2 टन है।

 

इस परियोजना की संकल्पना इस तथ्य की पृष्ठभूमि में की गई थी कि कोयला खदानों की बड़ी मात्रा में स्क्रैप सामग्री, जिसे आमतौर पर लंबे समय तक अप्रयुक्त छोड़ दिया गया है और अंततः नीलाम कर दिया गया, उसे लोकहित में लाभकारी उपयोग में परिवर्तित किया जा सकता है।

इन प्रतिमाओं को क्षेत्रीय कार्यशाला, कोतमा कोयला खान में डिजाइन और निर्मित किया गया था और इन मूर्तियों को तैयार करने में बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल थीं।

चल रहे विशेष अभियान 3.0 के दौरान, कोयला पीएसयू पहले ही लगभग 1344 मीट्रिक टन स्क्रैप का निपटान कर चुका है, जिससे 7 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। एसईसीएल मुख्यालय और उसके सभी परिचालन क्षेत्रों में विभिन्न स्थलों की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। कंपनी ने सीपीजीआरएएमएस के माध्यम से प्राप्त शिकायतों के निपटारे के औसत समय में भी उल्लेखनीय कमी देखी है, जो (1.10.2021– 30.09.2022) अवधि के लिए 23 दिन से घटकर (01.10.2022– 30.09.2023) के लिए 08 दिन हो गई है।

एसईसीएल विशेष अभियान 2.0 में भी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले कोयला सार्वजनिक उपक्रमों में से एक था। कंपनी ने 13 लाख वर्ग फुट से अधिक के कुल क्षेत्रफल वाली 45 साइटों को साफ किया और 1250 मीट्रिक टन से अधिक स्क्रैप का निपटान किया, जिससे लगभग 5.97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।. अभियान के दौरान एसईसीएल द्वारा साफ किया गया क्षेत्र और स्क्रैप का निपटान कोल इंडिया की सभी सहायक कंपनियों में सबसे अधिक था

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *