Wednesday, October 16

Tag: गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें

कच्चे मकानों की रह जाएंगी बस यादें, गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर

कच्चे मकानों की रह जाएंगी बस यादें, गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें

*खाते में किश्त आने से मजबूत नींव के साथ बनने लगा है सपनो का आशियाना* *जिले के अंतिम छोर के गांवों में भी नजर आएगा पक्का पीएम आवास* रायपुर, 13 अक्टूबर 2024/ अंतिम छोर के गाँव की अपनी पहचान होती है। शहर से दूर होने के साथ यहाँ की अपनी जीवनशैली होती है। दूर-दूर घर होते हैं। घर पर गाय बकरियां होती है। हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं। छोटी-छोटी बाड़ियाँ होती है, जहाँ पसंद की साग सब्जियां उगाई गई और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं। सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है। अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं...इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं। गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी...क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लि...
कच्चे मकानों में रह जाएंगी बस यादें, गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें
कोरबा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश

कच्चे मकानों में रह जाएंगी बस यादें, गरीबों के घरों की मजबूत होने लगी हैं बुनियादें

*खाते में किश्त आने के साथ मजबूत नींव के साथ बनने लगा है सपनो का आशियाना* *जिले के अंतिम छोर के गांवों में भी नजर आएगा पक्का पीएम आवास* कोरबा 11 अक्टूबर 2024/ अंतिम छोर के गाँव की अपनी पहचान होती है। शहर से दूर होने के साथ यहाँ की अपनी जीवनशैली होती है। दूर-दूर घर होते हैं। घर पर गाय बकरियां होती है। हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं। छोटी-छोटी बाड़ियाँ होती है,जहाँ पसंद की साग सब्जियां उगाई गई और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं। सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है। अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं...इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं। गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी...क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लिए ...