Sunday, September 8

Tag: जल निकलेगा!!* *(आलेख : बादल सरोज)

हल निकलेगा ; जितना गहरा खोदोगे, जल निकलेगा!! (आलेख : बादल सरोज)
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हल निकलेगा ; जितना गहरा खोदोगे, जल निकलेगा!! (आलेख : बादल सरोज)

हाल के दिनों में भारतीय राजनीति का सबसे उल्लेखनीय पहलू उस नैरेटिव - आख्यान - का ध्वस्त होना है, जिसे बड़ी चतुराई और तरतीब से गढ़कर आम बना दिया गया था। यह आख्यान "विपक्ष कहीं दिखता ही नहीं है" से शुरू हुआ था और "विपक्ष कहाँ है" से होता हुआ, अब तो युग-युगों तक "मोदी के सिवा कोई हैईये नहीं" तक जा पहुंचा था। इस आख्यान को गढ़ने के अनेक तरीके अपनाये गए। मीडिया पर प्रभुत्व कायम करके विपक्ष की गतिविधियों की अनदेखी और चुनाव परिणामो सहित बड़े-बड़े घटनाविकासों की चुनिंदा प्रस्तुति इसका एक तरीका था -- विपक्ष, खासकर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के साथ साम-दाम-दंड-भेद की आजमाइश दूसरा तरीका था। ऐसा नहीं कि इन सबका असर नहीं हुआ। हुआ, मगर उतना ही हुआ, जितना आभासीय घटाटोप का होता है ; अंततः उन्हें खत्म कर वास्तविक रोशनी सामने आ ही जाती है। 2024 अभी दूर है, मगर विपक्ष "कोई उम्मीद बर नहीं आती, कोई सूरत ...