हल निकलेगा ; जितना गहरा खोदोगे, जल निकलेगा!! (आलेख : बादल सरोज)

हाल के दिनों में भारतीय राजनीति का सबसे उल्लेखनीय पहलू उस नैरेटिव – आख्यान – का ध्वस्त होना है, जिसे बड़ी चतुराई और तरतीब से गढ़कर आम बना दिया गया…