Wednesday, October 16

Tag: दुम उनसे कही ज्यादा हिला सकते है चमचे।

वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर शर्मा की बात बेबाक …सुनते है वफादार बहुत होते है कुत्ते , दुम उनसे कही ज्यादा हिला सकते है चमचे।
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वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर शर्मा की बात बेबाक …सुनते है वफादार बहुत होते है कुत्ते , दुम उनसे कही ज्यादा हिला सकते है चमचे।

राजनीति और चमचागिरी एक दूसरे के पर्याय बन गए है आजकल राजनीति में सबसे बड़ा गुण चमचागिरी का माना जाता है । जितना बड़ा चमचा नेताजी का उतना करीबी । वैसे आजकल चमचा की जगह भक्त संबोधन का भी उपयोग किया जाने लगा है । हिंदी में भले ही इसका पर्यायवाची खुशामदी, चाटुकार, चापलूस, जीहजूर, टिलवा, भट्ट, भाट, मुसाहिब है किंतु राजनीति में भक्त शब्द को चमचागिरी का पर्यायवाची माना जाने लगा है । आजकल राजनीति में हमारे नेताओ को चमचा पालने का जो चाव चढ़ा है । ये आदत उन्हें धीरे-धीरे विलासी और चापलूसी पसंद बना रही है । देखा जाय तो एक तरह से ये सही भी है आखिर अपनी ढपली का अपना राग गाने वाला भी तो कोई होना चाहिए । जिस नेता का कोई चमचा वमचा नहीं होता समझ लो वो खुद किसी न किसी का चमचा होगा और चमचा नही होगा तो राजनीति की दुकानदारी में दरी उठाते और बिछाते ही जीवन बीत रहा होगा । जितना बड़ा नेता होगा उसके घर के बाहर उतने ही...