*यहां चौड़ी छाती वीरों की…!* *(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)*

  भाई, कम-से-कम अब यह झूठा प्रचार बंद होना चाहिए कि भगवाइयों को अपने पूरे कुनबे में दूसरा कोई वीर मिला नहीं, इसलिए धो-पोंछकर सावरकर को ही वीर बनाने में…