भारी होती परेड, हल्का पड़ता गणतंत्र (आलेख : राजेंद्र शर्मा)

भारतीय गणतंत्र अपने तिहत्तर साल पूरे करने के बाद आज वास्तव में किस दशा में है, इसकी तस्वीर पूरी करने के लिए, बस इमरजेंसी की याद दिलाया जाना ही बाकी…