Saturday, September 7

Tag: Shaheed-e-Azam Bhagat Singh: A conscious sacrificial revolutionary walking the difficult path of proletarian revolution. (Special article on the birth anniversary of Bhagat Singh: Vikram Singh)

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह : सर्वहारा क्रांति के कठिन रास्ते पर चलने वाला एक सजग बलिदानी क्रांतिकारी (भगत सिंह की जयंती पर विशेष आलेख : विक्रम सिंह)
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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह : सर्वहारा क्रांति के कठिन रास्ते पर चलने वाला एक सजग बलिदानी क्रांतिकारी (भगत सिंह की जयंती पर विशेष आलेख : विक्रम सिंह)

"जो कोई भी कठिन श्रम से कोई चीज़ पैदा करता है, उसे यह बताने के लिए किसी खुदाई पैगाम की जरुरत नहीं कि पैदा की गयी चीज़ पर उसी का अधिकार है", ये शब्द जो अपनी जेल डायरी के सफा 16 में भगत सिंह द्वारा लिखे गए थे, उनके विचार का सार है। यह उस 23 वर्ष के नौजवान का अटूट विश्वास है, जिसे आज के दौर में हमारे सामने पिस्तौल उठाये हुए एक अति उत्साही नायक के रूप में पेश किया जाता है, जिसे नौजवान सहज ही अपना आदर्श मान लेते हैं। लेकिन उनके विचारों से कभी रूबरू नहीं होते और न ही उनको आत्मसात करते हैं। जनवरी 1930 में असेम्बली बम काण्ड में हाई कोर्ट में की गई अपील में अंग्रेजी हुकूमत के प्रचार की पोल खोलने के साथ-साथ गोया भगत सिंह आज के नौजवानों से कह रहे हो कि "बम और पिस्तौल इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार तो विचारों की सान पर तेज़ होती है।" भगत सिंह एक सुलझे हुए क्रान्तिकारी थे, जो पूरी तरह से जानते...