Sunday, September 8

Tag: the resident of the government office

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम  सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल बेलिहाजी, बेमुरव्वत, बेकाबू है, सरकारी ऑफिस का बाशिंदा, कहलाता वो बाबू
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वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की बेबाक कलम सीधे रस्ते की टेढ़ी चाल बेलिहाजी, बेमुरव्वत, बेकाबू है, सरकारी ऑफिस का बाशिंदा, कहलाता वो बाबू

जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक mo. 9522170700 वन्देमातरम् {‘जानना जरूरी है...’ कि कार की अगली सीटों में जो सर का आराम देने के लिये दो रॉड के उपर गद्दी लगी होती है वो बड़े काम की होती है। कभी अगर किसी भी ढंग से दरवाजा नहीं खोला जा सक रहा हो तो उसे यानि हेडरेस्ट को बाहर खींचकर निकाला जा सकता है और उसमें नीचे नोक होती है जिसकी मदद से कांच को तोड़ा जा सकता है। ये महत्वपूर्ण जीवनदायी जानकारी हर किसी को होनी चाहिये।} काम के दिन कम हो गये। आराम ही आराम है। बस ये हुआ कि दिन कम होने से वर्किंग टाईम यानि काम का समय थोड़ा बढ़ा दिया गया है। पर ये सहूलियत कर्मचारियों को रास नहीं आई। क्योंकि काम का समय नहीं बढ़ता तो मजा आता। अब आदत तो आदत है। देर से आने की आदत। लिहाजा दस बजे बुलाए जाने का फरमान जारी किया गया था मगर दस बजे कोई पहुंचता ही नहीं था। कलेक्टर साहब बोल-बोल कर थक गय...