वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… दिखाई चार बिल की झांकी भुनाया एक, तीन हैं बाकी
संसद के विशेष सत्र में तमाम तरह के कयास लगाए जाते रहे कि फलां कानून बनेगा, फलां कानून बनेगा। इसमें एक बदलाव देश का नाम इण्डिया से हटाकर भारत करने का भी होने का अंदाजा लगाया जा रहा था।
लेकिन सियासत के चतुर खिलाड़ी मोदी-शाह की जोड़ी ने एक ही तीर महिला आरक्षण बिल का चलाया। बाकी के बचा के रखे हैं। एक ही दांव की इतनी चर्चा हो रही है। वाहवाही हो रही है तो बाकी के हथियार बचा के रखना ही समझदारी है।
अब देश को हिंदुस्तान और इण्डिया न कहकर भारत कहना होगा, ये बिल संसद मंे लाना अभी बचा के रखा है। यानि तरकस में ये और ऐसे कुछ और धारदार तीर अभी बाकी हैं।
दिलचस्प और शाबाशी के लायक बात ये है कि बाबा रामदेव के व्यापारिक संस्थान में जो प्रोडक्टस बनते हैं उनमें पहले सेे ही ‘भारत में निर्मित’ लिखा होता है न कि मेड इन इण्डिया।
छत्तीसगढ़ी चोर को भी आस
मोदी का नारा, सबका विकास
विकास, तरक्की, डेवलपमेन्ट,...