Thursday, October 10

तसनीम, राजावत ने छत्तीसगढ इंटरनेशनल चैलेंज में एकल खिताब जीते

रायपुर. पूर्व विश्व जूनियर नंबर एक खिलाड़ी तसनीम मीर और थॉमस कप विजेता प्रियांशु राजावत ने छत्तीसगढ इंटरनेशनल चैलेंज बैडंिमटन में महिला और पुरूष एकल खिताब जीत लिये हैं . तसनीम ने छठी वरीयता प्राप्त सामिया फारूकी को 14 . 21, 21 . 17, 21 . 11 से मात दी जबकि राजावत ने शुभांकर डे को 21 . 13, 21 . 11 से हराया .

मिश्रित युगल में एन सिक्की रेड्डी और रोहन कपूर ने थाईलैंड के रेचापोल एम और चासिनी कोरेपाप को 22 . 20, 23 . 21 से मात दी .
पुरूष युगल में दोनों भारतीय टीमें ही आमने सामने थीं .तीसरी वरीयता प्राप्त ईशान भटनागर और के साइ प्रतीक ने दूसरी वरीयता प्राप्त कृष्णा प्रसाद और विष्णुवर्धन गौड़ को 17 . 21, 21 . 15, 23 . 21 से मात दी. भारत की आरती सारा सुनील और पूजा डांडु हालांकि महिला युगल में जापान की चिसाटो होशी और मीयू ताकाहाशी से 21 . 12, 12 . 21, 7 . 21 से हार गई .

मुझे फिटनेस पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है: तसनीम मीर

भारत की किशोर बैडमिंटन खिलाड़ी तसनीम मीर का मानना है कि सीनियर र्सिकट में दुनिया के शीर्ष 50 खिलाड़ियों में जगह बनाने के लिए उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करने की जरूरत है ताकि वह एशियाई खिलाड़ियों की गति और ताकत की बराबरी कर सकें. गुजरात के मेहसाणा की 17 साल की इस खिलाड़ी ने रविवार को छत्तीसगढ़ इंटरनेशनल चैलेंज जीता और अब वह 29 सितंबर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय खेलों के प्रमुख आकर्षणों में से एक होंगी.

तसनीम ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ मुझे अपनी फिटनेस पर काम करना है. मैं अपनी रैली और ताकत पर काम कर रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि एशियाई खिलाड़ी रैली, ताकत और गति में बहुत अच्छे हैं.’’ जूनियर रैंकिंग में विश्व की नंबर एक महिला खिलाड़ी रह चुकी तसनीम ने कहा कि उनका लक्ष्य सीनियर स्तर पर शीर्ष 50 और फिर शीर्ष 20 खिलाड़ियों में शामिल होना है.

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा ध्यान अपनी रैंकिंग में सुधार करने पर है. मेरा लक्ष्य शीर्ष 50 में शामिल होना है ताकि मैं बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा कर सकूं. मुझे उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए और फिर शीर्ष 20 में शामिल होने के लिए अपने खेल को उस लायक बनाना होगा. ’’ तसनीम राष्ट्रीय खेलों में अपने घरेलू दर्शकों के सामने प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी तक अपने गृह राज्य में किसी राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है. निश्चित रूप से जब आप घरेलू दर्शकों के सामने खेलते हैं तो यह हमेशा एक बड़ी प्रेरणा होती है. राष्ट्रीय खेल मेरे लिए इसका अनुभव करने का एक बड़ा मंच होगा.’’

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