मांड्या, कर्नाटक में विकास कार्यों के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

New Delhi (IMNB).

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

कर्नाटक-दा, एल्ला, सहोदरा सहोदरी-यारिगे, नन्ना नमस्कारागलु !

ताई भुवनेश्वरी को भी मेरा नमस्कार!

मैं आदि चुनचुनागिरी और मेलुकोटे के गुरुओं के सामने भी नमन करता हूं, उनके आशीर्वाद की कामना करता हूं।

बीते कुछ समय में मुझे कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों में जनता जनार्दन के दर्शन का अवसर मिला है। हर जगह, कर्नाटक की जनता अभूतपूर्व आशीर्वाद दे रही है। और मंड्या के लोगों के तो आशीर्वाद में भी मिठास होती है। सक्करे नगरा मधुर मंड्या, मंड्या के इस प्यार से, इस सत्कार से मै अभिभूत हूं। मैं आप सभी का सर झुकाकर के वंदन करता हूं।

डबल इंजन सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि आपके इस प्यार के, आपका जो ऋण है उसको हम ब्याज़ सहित चुकाएं, तेज़ विकास करके चुकाएं। अभी हज़ारों करोड़ रुपए के जिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण यहां हुआ है, ये इसी प्रयास का हिस्सा हैं।

बीते कई दिनों से देश में बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे की बहुत चर्चा है। सोशल मीडिया पर एक्सप्रेसवे से जुड़ी तस्वीरें वायरल हो रही हैं। हर देशवासी की, हमारे युवाओं की ये इच्छा रही है कि ऐसे शानदार, आधुनिक एक्सप्रेस वे भारत में हर जगह बनें। आज वो बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे को देखकर हमारे देश के युवा गर्व से भरे हुए हैं। इस एक्सप्रेस वे से मैसूर और बेंगलुरु के बीच का समय अब आधे से भी कम रह गया है।

आज मैसूर-कुशलनगर फोरलेन का भी शिलान्यास हुआ है। ये सभी प्रोजेक्ट्स इस क्षेत्र में सबका विकास को और गति देंगे, समृद्धि के रास्ते खोलेंगे। आप सभी को कनेक्टिविटी के इन प्रोजेक्ट्स के लिए आप सबको बहुत-बहुत बधाई।

भारत में जब भी इंफ्रास्ट्रक्चर के विजन से जुड़ी चर्चा होती है, तब दो महान विभूतियों का नाम हमेशा अग्रणी रहता है। कृष्ण राजा वडियार और सर एम विश्वेश्वरैया। ये दोनों महापुरुष इसी धरती की संतान थे और उन्होंने पूरे देश को एक नई दृष्टि दी, ताकत दी। इन महान विभूतियों ने आपदा को अवसर में बदला, इंफ्रास्ट्रक्चर का महत्व समझा और ये आज की पीढ़ियों का सौभाग्य है पूर्वजों की तपस्या का उन्हें आज लाभ मिल रहा है।

ऐसे ही महान व्यक्तित्वों से प्रेरित होकर आज देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है। आज भारतमाला और सागरमाला योजना से कर्नाटक बदल रहा है, देश बदल रहा है। जब दुनिया कोरोना की मुश्किलों से जूझ रही थी, तब भी भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के बजट को कई गुना बढ़ाया है। इस वर्ष के बजट में तो रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखे हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर अपने साथ सिर्फ सुविधा नहीं लाता, बल्कि ये रोजगार लाता है, निवेश लाता है, कमाई के साधन लाता है। सिर्फ कर्नाटक में ही बीते वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हाईवे से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हमने पूंजी निवेश किया है।

बेंगलुरु और मैसूर दोनों कर्नाटक के महत्वपूर्ण शहर हैं। एक शहर को टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है, तो दूसरे को ट्रेडिशन के लिए। इन दोनों शहरों को आधुनिक कनेक्टिविटी से जोड़ना कई अलग-अलग दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।

लंबे समय से, दोनों शहरों के बीच यात्रा करने वाले लोग भारी ट्रैफिक की शिकायत करते थे। लेकिन अब, एक्सप्रेस वे की वजह से ये दूरी सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी। इससे इस पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास की रफ्तार बहुत तेज होने वाली है।

ये एक्सप्रेस वे रामनगर और मंड्या से गुजर रहा है। यहां भी कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं। इन शहरों में भी पर्यटन की संभावना बढ़ जाएगी। इससे मैसूर तक पहुंचना आसान तो होगा ही, साथ ही मां कावेरी की जन्मस्थली कोडागु तक पहुंचना भी सरल हो जायेगा। अभी हम देखते हैं कि बरसात में लैंडस्लाइड के कारण वेस्टर्न घाट में बेंगलुरु-मेंगुलुरु का रास्ता अक्सर बंद हो जाता है। इससे इस क्षेत्र की पोर्ट कनेक्टिविटी प्रभावित होती है। मैसूर-कुशलनगर हाईवे के चौड़ीकरण से ये समस्या भी दूर हो जाएगी। अच्छी कनेक्टिविटी के चलते इस क्षेत्र में इंडस्ट्री का भी विस्तार बहुत तेजी से होगा।

साल 2014 से पहले कांग्रेस की जो सरकार केंद्र में थी और मिली जुली सरकार थी। भांति भांति लोगों के समर्थन से चल रही थी, उसने गरीब आदमी को, गरीब परिवारों को तबाह करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। जो पैसा गरीब के विकास के लिए था, उसका हजारों करोड़ रुपए कांग्रेस की सरकार ने लूट लिया था। कांग्रेस को कभी गरीब के दुख-दर्द से कोई फर्क नहीं पड़ा है।

2014 में जब आपने मुझे वोट देकर के सेवा का मौका दिया, तो देश में गरीब की सरकार बनी, गरीब का दुख-दर्द समझने वाली संवेदनशील सरकार बनी। इसके बाद भाजपा की केंद्र सरकार ने पूरी ईमानदारी से गरीब की सेवा करने का प्रयास किया, गरीब के जीवन से मुश्किल कम करने का लगातार प्रयास किया।

गरीब के पास पक्का घर हो, गरीब के घर में नल से जल आए, उज्ज्वला का गैस कनेक्शन हो, बिजली कनेक्शन हो, गांव तक सड़कें बनें, अस्पताल बने, इलाज की चिंता कम हो, इसे भाजपा की सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

बीते 9 वर्षों में भाजपा सरकार की योजनाओं से करोड़ों गरीबों का जीवन आसान हुआ है। कांग्रेस के समय में गरीब को सुविधाओं के लिए सरकार के पास चक्कर लगाने पड़ते थे। अब भाजपा की सरकार, गरीब के पास जाकर उसे सुविधाएं दे रही है। जो लोग अब भी भाजपा सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित हैं, उन तक भी अभियान चलाकर के पहुंचा जा रहा है।

भाजपा सरकार ने हमेशा समस्याओं के स्थाई समाधान को महत्व दिया है। पिछले 9 वर्षों में देश में 3 करोड़ से अधिक गरीबों के घर बने हैं। जिसमें से लाखों घर ये हमारे कर्नाटक में भी बने हैं। जल जीवन मिशन के तहत कर्नाटक में लगभग 40 लाख नए परिवारों को नल से जल मिला है।

हमारे देश में दशकों से सिंचाई के जो प्रोजेक्ट लटके थे, वो भी तेज़ी से पूरे कर रहे हैं। इस साल बजट में केंद्र सरकार ने अपर भद्रा प्रोजेक्ट को 5300 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इससे भी कर्नाटक के एक बड़े हिस्से में सिंचाई से जुड़ी समस्याओं का स्थाई समाधान होेने वाला है।

किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करके भी भाजपा सरकार उनकी चिंता का स्थाई समाधान कर रही है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत कर्नाटक के किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। यहा मंड्या के भी पौने तीन लाख किसानों के बैंक खातों में 600 करोड़ रुपए केंद्र की भाजपा सरकार ने भेजे हैं।

वैसे मैं भाजपा की कर्नाटक की सरकार का एक औऱ बात के लिए भी प्रशंसा करूंगा। पीएम किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार जो 6 हजार रुपए भेजती है, कर्नाटक सरकार उसमें 4 हजार रुपए और जोड़ देती है। यानि डबल इंजन सरकार में किसानों को डबल लाभ हो रहा है, उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है।

कर्नाटक के, सक्करे नगरा मधुर मंड्या के हमारे गन्ना किसानों को दशकों से एक और समस्या का सामना करना पड़ता था। गन्ने की पैदावार ज्यादा हो तो मुसीबत, गन्ना कम पैदा हो तो भी मुसीबत। इस वजह से चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया सालों-साल चलता रहता था।

इस समस्या का कोई ना कोई समाधान करना तो जरूरी था। किसानों के हितों को प्राथमिकता देने वाली भाजपा सरकार ने, एक रास्ता चुना इथेनॉल का। हमने तय किया कि गन्ने से बनने वाले इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाएंगे। यानि गन्ने की ज्यादा पैदावार होने पर, उससे इथेनॉल बनाया जाएगा, इथेनॉल से किसान की आय सुनिश्चित की जाएगी।

पिछले वर्ष ही देश की चीनी मिलों ने 20 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल तेल कंपनियों को बेचा है। इससे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में मदद मिली है। 2013-14 के बाद से लेकर पिछले सीज़न तक 70 हज़ार करोड़ रुपए का इथेनॉल चीनी मिलों से खरीदा गया है। ये पैसा गन्ना किसानों तक पहुंचा है।

इस वर्ष के केंद्र सरकार के बजट में भी किसानों के लिए, विशेष रूप से गन्ना किसानों के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। Sugar cooperatives के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की मदद हो, टैक्स में छूट हो, इससे गन्ना किसानों को लाभ होगा।

हमारा देश अवसरों की धरती है। दुनियाभर के लोग भारत में अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं। 2022 में भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया। इसका सबसे बड़ा लाभ ये हमारे कर्नाटक को हुआ। कोरोना-काल के बावजूद कर्नाटक में लगभग 4 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। ये डबल इंजन सरकार की मेहनत दिखाता है।

कर्नाटक में आईटी के अलावा बायो-टेक्नॉलॉजी से लेकर डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग तक हर सेक्टर का विस्तार हो रहा है। डिफेंस, एयरोस्पेस और स्पेस सेक्टर में अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। अब कर्नाटक इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

डबल इंजन सरकार के इन प्रयासों के बीच, कांग्रेस और उनके साथी क्या कर रहे हैं? कांग्रेस कहती है काम लिया है सर पे, कांग्रेस मोदी की कब्र खोदने का सपना देख रही है। कांग्रेस मोदी की कब्र खोदने में बिजी है और मोदी, बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस वे बनवाने में बिजी है। कांग्रेस मोदी की कब्र खोदने में व्यस्त है और मोदी गरीब का जीवन आसान बनाने में व्यस्त है।

मोदी की कब्र खोदने का सपना देख रहे कांग्रेसियों को पता नहीं है कि देश की करोड़ों माताओं-बहनों-बेटियां, देश के लोगों का आशीर्वाद मोदी का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

कर्नाटक के तेज विकास के लिए डबल इंजन सरकार जरूरी है। मैं फिर मंड्या की जनता का इस भव्य आयोजन के लिए, भव्य सत्कार के लिए, आपके आशीर्वाद के लिए हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूं। आप सभी को विकास के प्रोजेक्ट्स के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

भारत माता की जय, भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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