स्वास्थ्य के क्षेत्र में जहां बच्चे कुपोषित हैं, लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं, महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं, मलेरिया के प्रकोप से पीड़ित हैं, ऐसे में हाट बाजार क्लिनिक योजना से लेकर जिला अस्पताल, प्रदेश के अस्पतालों को सुधारने का काम, डॉक्टर और नर्सों की भर्ती करने का काम लगातार चला है।
मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले 6 थे अब 14 हो जाएंगे, चार हमारे कार्यकाल में खुले हैं। चार और स्वीकृत हमने कर दिए हैं।
इसी प्रकार से शिक्षा में गांव, शहर गरीब, मध्यम वर्गीय सभी बच्चों को शिक्षा में बहुत पैसा लगता है, हमने बिना शुल्क के निशुल्क पढ़ाई के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू किए।
स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ ही हमने बेरोजगारी भत्ता में ढाई हजार रुपए देने का निर्णय किया। इस योजना में हमने मात्र 4 महीने में ही 112 करोड रुपए बांट दिए हैं।