जगदलपुर, 29 दिसंबर 2022/ कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने गुरुवार को कोसारटेडा जलाशय में संचालित फ्लोटिंग मत्स्य पालन का निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने जिला खनिज संस्थान न्यास निधि की लगभग 03 करोड़ 41 लाख रूपए की लागत से मछली पालन विभाग द्वारा की जा रही कोसारटेडा जलाशय में फ्लोटिंग मत्स्य पालन, केज व गोदाम का निरीक्षण कर मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों से चर्चा की। इस अवसर पर बस्तर अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री ओम प्रकाश वर्मा, मत्स्य विभाग के श्री मोहन राणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से बातचीत के दौरान मत्स्य पालन के लिए बेहतर प्रशिक्षण पर जोर दिया, जिससे मछलियों के स्वास्थ और आकार परिवर्तन का आंकलन के साथ-साथ भोजन और मत्स्य पालन हेतु गुणवत्तायुक्त पानी आदि की सही व्यवस्था की जा सके। उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा कि वे मत्स्य व्यापार को बढ़ाने पर जोर दें। उन्होंने मछलियों के आकार और वजन की जानकारी नियमित तौर पर संकलित करने के साथ ही आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने पर भी जोर दिया। कोसारटेडा मत्स्यपालन समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में इस फ्लोटिंग मछली पालन में सालेमेटा और कमेला के समूह द्वारा मछली पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर की निगरानी में ही फंगास मछली की बीज उत्पादन की जा रही है। कलेक्टर ने मत्स्य पालन के लिए उपयोग किए जा रहे चारे की गुणवत्ता का भी अवलोकन किया। मत्स्य पालकों के सुझाव पर कलेक्टर ने को जलाशय के ऊपर स्थित मार्ग को बेहतर करते हुए रात्रिकालिन रोशनी की व्यवस्था करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों दिए। उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधाओं में भी वृद्धि करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से बातचीत के दौरान मत्स्य पालन के लिए बेहतर प्रशिक्षण पर जोर दिया, जिससे मछलियों के स्वास्थ और आकार परिवर्तन का आंकलन के साथ-साथ भोजन और मत्स्य पालन हेतु गुणवत्तायुक्त पानी आदि की सही व्यवस्था की जा सके। उन्होंने समिति के सदस्यों से कहा कि वे मत्स्य व्यापार को बढ़ाने पर जोर दें। उन्होंने मछलियों के आकार और वजन की जानकारी नियमित तौर पर संकलित करने के साथ ही आय-व्यय का लेखा-जोखा रखने पर भी जोर दिया। कोसारटेडा मत्स्यपालन समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्तमान में इस फ्लोटिंग मछली पालन में सालेमेटा और कमेला के समूह द्वारा मछली पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मास्टर ट्रेनर की निगरानी में ही फंगास मछली की बीज उत्पादन की जा रही है। कलेक्टर ने मत्स्य पालन के लिए उपयोग किए जा रहे चारे की गुणवत्ता का भी अवलोकन किया। मत्स्य पालकों के सुझाव पर कलेक्टर ने को जलाशय के ऊपर स्थित मार्ग को बेहतर करते हुए रात्रिकालिन रोशनी की व्यवस्था करने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों दिए। उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटकों की सुविधाओं में भी वृद्धि करने के निर्देश दिए।