Saturday, September 7

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… चालू हुआ आरोपों का खेल, नया इतिहास बनाएंगे सोरेन, बघेल नीतिश ने किया है कैकेयी जैसा त्याग

नीतिशकुमार ने अच्छा किया, बहुत अच्छा किया। अनजाने में कैकेयी की तरह का त्याग कर दिया। हर कोई अपने लिये करता है। विरले होते हैं जो समाज के लिये खुद गाली खाने को तैयार होते हैं। नीतिश उन्हीं में से एक हैं।

कह सकते हैं कि कुछ हद तक भाजपा उसूलों पर चलती है। कुछ हद तक…..। बाकियों का कोई भरोसा नहीं। नीतिश भी उन्हीं बाकियों मंे से हैं।

भाजपा ने देशहित के लिये नीतिश से समझौता किया तो क्या बुरा किया। नीतिश ने अपना उल्लू ‘इण्डी’ एलायन्स में सीधा करने का काफी प्रयास और प्रतीक्षा भी की….। लेकिन उल्लू सीधा नहीं हुआ तो फिर से भाजपा में आकर सीधा कर लिया।
काहे की नैतिकता ? काहे के उसूल ? पर हां, नीतिश का ये कदम अंततोगत्वा देश के लिये फायदे का सौदा ही होगा।
एक बेहद दिलचस्प टिप्पणी पढ़ने को मिली कि ‘पलटूराम ने बहुत अच्छा कार्य किया। सारे ठगों को एक नाव में इकट्ठा किया और उसमें छेद करके खुद निकल गये’। अनुभवी लोगों को कहना है कि उनका ये कदम विपक्ष के लिये हानिकारक पर देश के लिये लाभदायक है। उन्होनें कैकेयी की तरह का काम किया है। कैकेयी ने अपने उपर आरोप लेकर भी समाज के हित मे ‘राम’ को वन भेजा।

मुख्यमंत्री मिस्टर इण्डिया हो गये
हद है भाई जाने कहां खो गये

अभी तो ये मामला और भी अधिक चर्चा में रहता पर इस बीच बहुत मजेदार खबर ये आई कि झारखण्ड प्रदेश का एक शख्स लापता हो गया। बड़े कद का। बड़े पद का। मिस्टर इण्डिया हो गया। इस खबर से देश का ध्यान भटक गया।
अमूमन बड़े कद और पद का आदमी छिपाए नहीं छिपता। पता है ये बड़े कद-पद का आदमी कौन है। वो है….. झारखण्ड के सबसे बड़े पद पर विराजित…. झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन। इन्हें देश की ईडी ढूंढती फिर रही थी। ये गायब हो गये।

पुराने जमाने के राजाओं की रात को वेश बदलकर जनता की खोजखबर लेने जाने की किवदंतियां सुनने को मिलती हैं। पर सुबह राजा काम पर लौट आता है। कुछ इसी तरह तो नहीं…
आश्चर्य, ऐसे गायब हुए कि किसी को कानों कान खबर नहीं। यहां तक कि एक भाजपा नेता ने इनकी फोटो के साथ इनके पोस्टर भी छपवा दिये, लापता के….। है न मजेदार… । हालांकि बाद में रांची पहंुच गये लेकिन तब तक काफी छीछालेदर हो चुकी थी।
बाद मे इनके प्रवक्ता ये बकवास तर्क देते रहे कि मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से कहीं आ जा भी नहीं सकता क्या ? जवाब ये है कि ‘हां मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से कहीं भी आ-जा सकता है पर इसका समुचा प्रोग्राम शासन के पास होता है। मिनट टू मिनट प्रोग्राम तय रहता है।
मुख्यमंत्री यूं चोरों की तरह लापता नहीं होता।आचार संहिता उल्लंघन
भूपेश बघेल को समन

23 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हारे पूर्व सांसद विजय बघेल ने चुनाव प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी प्रचार करने के लिये सामने वाले प्रत्याशी भूपेश बघेल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसके लिये भूपेश को जवाब देने के लिये कहा है।
ठस मामले में भूपेश बघेल के खिलाफ मामला साबित करना चाहे टेढ़ी खीर हो लेकिन अन्य मामले जो ईडी ने दर्ज किये हैं उनमें उन्हें परेशानी हो सकती है।
ये शिकायत चुनाव आयोग के समक्ष भी की गयी लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने से मामला कोर्ट तक पहुंच गया।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ से 9 याचिकाएं और भी दाखिल की गयी हैं। जिस पर माननीय हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को तलब किया है।
चुनाव में चुनाव आयोग ही सर्वोपरि होता है लेकिन व्यावहारिक तौर पर देखा गया है कि आयोग छोटे-मोटे मामलों में तो कार्यवाही कर लेता है लेकिन बड़े मामलों मंे इसकी ताकत बिना नाखून के शेर जैसी होती है, जो शरीर से बड़ा लेकिन आक्रमण करने में लाचार साबित होता है।
2023 मे 5 राज्यों में चुनावों के दौरान चुनाव आयोग को 48 हजार शिकायतें प्राप्त होने की खबर है। जिसमें 20 हजार से अधिक तो केवल राजस्थान से ही हैं। आयोग के अनुसार सिर्फ 100 मिनट के अंदर ही लगभग 84 प्रतिशत शिकायतो का निराकरण कर दिया गया। हालांकि इनमें प्रायः छोटे-मोटे मामले ही थे और केवल 12 प्रतिशत मामलों मंे ही नोटिस जारी किया गया है।
—————————-
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
—————————-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *