
जयशंकर ने कहा कि दुनिया में टकराव पहले से ही हो रहा है। आज आप यूक्रेन में संघर्ष, गाजा में लड़ाई, लाल सागर में हमलों, दक्षिण चीन सागर में तनाव, विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में आतंकवाद की चुनौती देख सकते हैं।
देशभर में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस दशक में संघर्षों, सत्ता परिवर्तन और कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचने वाली है। इसलिए भारत के लिए एक स्थिर और परिपक्व नेतृत्व का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
दुनिया की एक अलग तस्वीर पेश की
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में जयशंकर से जब वैश्विक शक्ति संतुलन का आकलन करने के लिए कूटनीति और राजनीति में अपने करीब 50 वर्षों के अनुभव का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया तो उन्होंने दुनिया की उस तस्वीर से बहुत अलग तस्वीर पेश की, जिसमें हम अभी रह रहे हैं।
चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूत रहे जयशंकर ने कहा, ‘बहुत सारे संघर्ष, तनाव और विभाजन! इन सभी कारकों के साथ मैं वास्तव में दशक के संतुलन के लिए एक बहुत ही टकराव भरे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को पेश कर रहा हूं।’
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