सरिया के सांकरा में रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा किया गया वृक्षारोपण
सांकरा में हुआ सुनील रामदास का भव्य स्वागत
रायगढ़ – रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा सरिया के पास स्थित ग्राम सांकरा के कन्या माध्यमिक शाला और उपस्वास्थ्य केन्द्र में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष लिंगेश्वर भोय, तुरंगा गुरूकुल के आचार्य राकेश, गोविन्द अग्रवाल, नगर पंचायत सरिया के उपाध्यक्ष अरूण सराफ, घनश्याम पटेल, ईश्वर प्रधान, राम कृष्ण साव, सत्यानंद मनहर, गोपाल शर्मा, जगदीश पात्र, नेत्र भानु (मोहदी), नारायण देहरी, बूलू साहू, मनोज देहरी, चैतन्य पात्रा, त्रिनाथ बेहरा, कृष्ण चन्द बेहरा, रहासो प्रधान, गोपी नाथ साहू, सुभाष देहरी, सुनाकर प्रधान, ब्रजलाल प्रधान, गोपी विश्वाल, बोधराम प्रधान, भगवान बेहरा, शौकी लाल देहरी, निलकंठ प्रधान, किशन राज, श्रीमती रंजीता राज (नर्स), हर्षिता राज सहित ग्राम सांकरा के अनेको गणमान्य जन की उपस्थिति रही। सर्व प्रथम ग्राम सांकरा के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित सभा को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील रामदास ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पृथ्वी पर हम जिस पर्यावरण में रहते हैं, उस पर्यावरण में सभी जीवों को मिलाकर प्रकृति द्वारा एक पारिस्थितिक तंत्र बनाया गया है। जिसमें जीवों की एक बड़ी शृंखला है और इस शृंखला में सभी जीवों का आधार पेड़-पौधे ही है। क्योंकि लाखों प्रकार के जीव ऐसे हैं, जिनकी आहार शृंखला पेड़-पौधे पर तो आधारित होती है। साथ ही इस पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन है, जो कि पेड़-पौधों से ही प्राप्त होता है। इसलिए मेरा मानना है कि हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में पेड़-पौधों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। यही कारण है कि मैंने पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अभियान आरम्भ किया है। जिससे कि अगली पीढ़ी को भी सुरक्षित भविष्य मिल सके। इस कार्यक्रम में लिंगेश्वर भोय, आचार्य राकेश, ईश्वर प्रधान और घनश्याम पटेल ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में आयोजित सभा को आचार्य राकेश ने संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक रूप से प्रकृति के संरक्षण की स्वीकार्यता सनातन के धार्मिक मान्यता का अंग हुआ करता था। लेकिन समय के साथ सभ्यताओं में भी प्रदूषण उत्पन्न हुआ। जिसके कारण यह हमारे धार्मिक मान्यताओं से कुछ दूर हुआ है, जो कि चिंता जनक है। किन्तु सुनील रामदास जी द्वारा इस क्षेत्र में प्रयास किया जा रहा है, जिसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा होनी चाहिए।
सांकरा में हुआ सुनील रामदास का भव्य स्वागत
सांकरा के अटल चौक में प्रतीक्षा कर रहे ग्रामीण जन द्वारा सुनील रामदास का स्वागत ढोल नगाड़ों और आतिशबाजी से चौक में किया गया और सांकरा के अटल चौक से सभा स्थल सरस्वती शिशु मंदिर तक उनकी अगवानी ग्रामीण जन द्वारा ढोल नगाड़े बजा तथा फटाके फोड़कर की गयी। ग्रामीण जन के इस स्वागत का सुनील रामदास ने अपने संबोधन में भी उल्लेख किया और कहा कि आपके द्वारा मिले सम्मान का मैं ऋणि हो गया हूं। सभा के आरम्भ में उन्होंने अंग वस्त्र से वहां के वरिष्ठ जनों का सम्मान किया।
रायगढ़ – रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा सरिया के पास स्थित ग्राम सांकरा के कन्या माध्यमिक शाला और उपस्वास्थ्य केन्द्र में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष लिंगेश्वर भोय, तुरंगा गुरूकुल के आचार्य राकेश, गोविन्द अग्रवाल, नगर पंचायत सरिया के उपाध्यक्ष अरूण सराफ, घनश्याम पटेल, ईश्वर प्रधान, राम कृष्ण साव, सत्यानंद मनहर, गोपाल शर्मा, जगदीश पात्र, नेत्र भानु (मोहदी), नारायण देहरी, बूलू साहू, मनोज देहरी, चैतन्य पात्रा, त्रिनाथ बेहरा, कृष्ण चन्द बेहरा, रहासो प्रधान, गोपी नाथ साहू, सुभाष देहरी, सुनाकर प्रधान, ब्रजलाल प्रधान, गोपी विश्वाल, बोधराम प्रधान, भगवान बेहरा, शौकी लाल देहरी, निलकंठ प्रधान, किशन राज, श्रीमती रंजीता राज (नर्स), हर्षिता राज सहित ग्राम सांकरा के अनेको गणमान्य जन की उपस्थिति रही। सर्व प्रथम ग्राम सांकरा के सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित सभा को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील रामदास ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पृथ्वी पर हम जिस पर्यावरण में रहते हैं, उस पर्यावरण में सभी जीवों को मिलाकर प्रकृति द्वारा एक पारिस्थितिक तंत्र बनाया गया है। जिसमें जीवों की एक बड़ी शृंखला है और इस शृंखला में सभी जीवों का आधार पेड़-पौधे ही है। क्योंकि लाखों प्रकार के जीव ऐसे हैं, जिनकी आहार शृंखला पेड़-पौधे पर तो आधारित होती है। साथ ही इस पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण तत्व ऑक्सीजन है, जो कि पेड़-पौधों से ही प्राप्त होता है। इसलिए मेरा मानना है कि हमारे पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में पेड़-पौधों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। यही कारण है कि मैंने पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अभियान आरम्भ किया है। जिससे कि अगली पीढ़ी को भी सुरक्षित भविष्य मिल सके। इस कार्यक्रम में लिंगेश्वर भोय, आचार्य राकेश, ईश्वर प्रधान और घनश्याम पटेल ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में आयोजित सभा को आचार्य राकेश ने संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक रूप से प्रकृति के संरक्षण की स्वीकार्यता सनातन के धार्मिक मान्यता का अंग हुआ करता था। लेकिन समय के साथ सभ्यताओं में भी प्रदूषण उत्पन्न हुआ। जिसके कारण यह हमारे धार्मिक मान्यताओं से कुछ दूर हुआ है, जो कि चिंता जनक है। किन्तु सुनील रामदास जी द्वारा इस क्षेत्र में प्रयास किया जा रहा है, जिसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा होनी चाहिए।
सांकरा में हुआ सुनील रामदास का भव्य स्वागत
सांकरा के अटल चौक में प्रतीक्षा कर रहे ग्रामीण जन द्वारा सुनील रामदास का स्वागत ढोल नगाड़ों और आतिशबाजी से चौक में किया गया और सांकरा के अटल चौक से सभा स्थल सरस्वती शिशु मंदिर तक उनकी अगवानी ग्रामीण जन द्वारा ढोल नगाड़े बजा तथा फटाके फोड़कर की गयी। ग्रामीण जन के इस स्वागत का सुनील रामदास ने अपने संबोधन में भी उल्लेख किया और कहा कि आपके द्वारा मिले सम्मान का मैं ऋणि हो गया हूं। सभा के आरम्भ में उन्होंने अंग वस्त्र से वहां के वरिष्ठ जनों का सम्मान किया।