मोदी सरकार ने निर्यात के लिए मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई है, जिसके साथ प्रस्तावित 2 लाख ग्रामीण डेयरियों को जोड़कर निर्यात 5 गुना बढ़ने की संभावना है
आज देश में श्वेत क्रांति-2 की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ रहे हैं
दुनिया के लिए डेयरी एक व्यापार है लेकिन भारत जैसे विशाल देश में ये रोज़गार सृजन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का विकल्प, कुपोषण की समस्याओं का समाधान प्रदान करने और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं का रास्ता प्रशस्त करने वाला क्षेत्र है
इंडियन डेयरी एसोसिएशन की स्थापना आज़ादी के तुरंत बाद 1948 में हुई और देश में डेयरी क्षेत्र के विकास में आईडीए का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया के लिए डेयरी एक व्यापार है लेकिन भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश में ये रोज़गार का साधन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का विकल्प, कुपोषण की समस्याओं का समाधान प्रदान करने वाला और महिला सशक्तिकरण की संभावनाओं वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत की आज़ादी से अब तक के डेयरी उद्योग के विकास को देखें तो इन सभी पहलुओं को हमारे डेयरी सेक्टर ने बहुत अच्छे तरीके से देश के विकास के साथ जोड़ने के लिए काम किया है। श्री शाह ने कहा कि इसमें हमारी कोऑपरेटिव डेयरी का योगदान बहुत बड़ा रहा है जिन्होंने किसानों की समृद्धि के लिए काम किया है। कोऑपरेटिव डेयरी ने देश की गरीब कृषक महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के 75वें वर्ष में सहकार से समृद्धि मंत्र को सिद्ध करने के लिए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन की स्थापना आज़ादी के तुरंत बाद 1948 में हुई और देश में डेयरी क्षेत्र के विकास में आईडीए का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी क्षेत्र को विश्व का सबसे मज़बूत डेयरी सेक्टर बनाने के लिए सर्वांगीण चर्चा करने का प्रयास इस सम्मेलन में हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे डेयरी और पशुपालन क्षेत्र का देश के जीडीपी में 4.5 प्रतिशत योगदान है और कृषि क्षेत्र में डेयरी क्षेत्र का योगदान 24 प्रतिशत है, जो 10 लाख करोड़ रूपए के साथ विश्व में सबसे अधिक है। श्री शाह ने कहा कि डेयरी हमारी अर्थव्वस्था का मज़बूत हिस्सा है और रोज़ग़ार की दृष्टि से देखें तो 9 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लगभग 45 करोड़ लोग, विशेषकर सीमांत किसान और महिलाएं, आज सीधे डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि पिछले एक दशक में 6.6 प्रतिशत की वार्षिक दर से हमारे डेयरी क्षेत्र ने प्रगति की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गठित सहकारिता मंत्रालय, एनडीडीबी और पशुपालन विभाग देश में 2 लाख पंचायतों में ग्रामीण डेयरी की स्थापना करेगा और तब डेयरी क्षेत्र की विकास दर 13.80 प्रतिशत तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि हमारी दूध प्रोसेसिंग की क्षमता लगभग 126 मिलियन लीटर प्रतिदिन है, जो विश्व में सर्वाधिक है। श्री शाह ने कहा कि हमारे कुल दूध उत्पादन का 22 प्रतिशत हम प्रोसेस करते हैं, जिसका फायदा किसान को आय वृद्धि के रूप में मिलता है। उन्होंने कहा कि डेयरी उत्पादों के निर्यात में भी मिल्क पाउडर, मक्खन और घी जैसे उत्पादों का बड़ा हिस्सा है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने निर्यात के लिए एक मल्टीस्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी बनाई है, जिसके साथ इन 2 लाख ग्रामीण डेयरियों को जोड़कर निर्यात के 5 गुना बढ़ने की संभावना है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि विश्व के डेयरी परिदृश्य को देखें तो 1970 में भारत में लगभग 6 करोड़ लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन होता था और ये एक दूध की कमी वाला देश था। उन्होंने कहा कि 2022 में ये उत्पादन 58 करोड़ लीटर प्रतिदिन हो गया है जिसमें डेयरी सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि 1970 से 2022 तक भारत की आबादी 4 गुना बढ़ी है जबकि दूध उत्पादन 10 गुना से अधिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 1970 में देश में प्रति व्यक्ति दूध की खपत 107 ग्राम थी, जो आज बढ़कर 427 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है, जो दुनिया की औसत 300 ग्राम खपत से भी अधिक है। श्री शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए किसी भी संभावना को व्यर्थ नहीं जाने देगी और इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं जिससे हम विश्व में सबसे बड़े निर्यातक बनकर उभरें।
श्री अमित शाह ने कहा कि देश में आज श्वेत क्रांति-2 की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी क्षेत्र में सहकारिता का मॉडल आय, पोषण, पशुधन की सुनिश्चितता, मानवहित की सुरक्षा, रोज़ग़ार और महिला सशक्तिकरण जैसे सभी पहलुओं को छूते हुए पूरी व्यवस्था में किसान और उपभोक्ता के बीच से बिचौलियों को समाप्त करके सबसे अधिक मुनाफा किसान तक पहुंचाने वाला मॉडल है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार डेयरी क्षेत्र में कोऑपरेटिव के मॉडल को अधिक मज़बूत बनाने के प्रयास कर रही है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज दूध उत्पादन में भारत का हिस्सा 21 प्रतिशत हो गया है और इसमें अमूल मॉडल का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि भारत में डेयरी क्षेत्र के 360 डिग्री विकास के लिए मोदी सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि देश विश्व में सबसे बड़ा दूध निर्यातक बनकर उभरे। श्री शाह ने कहा कि देश में 2 लाख प्राथमिक दूध उत्पादन समितियां बनने के बाद दुनिया का 33 प्रतिशत दूध उत्पादन भारत में होने की संभावना है और इसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और कोऑपरेटिव मूवमेंट को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को दूध उत्पादन के साथ-साथ दूध प्रसंस्करण के साधनों के क्षेत्र में भी विश्व का सबसे बड़ा बाज़ार बनना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि वर्ष 2033-34 तक प्रतिवर्ष लगभग 330 एमएमटी दूध उत्पादन के साथ विश्व के 33 प्रतिशत दूध का उत्पादन भारत करे, इस लक्ष्य के साथ हमें आगे बढ़ना है।
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