केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने मुंबई में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर प्रमुख सतत अभियान का उद्घाटन किया

जेएनपीए, वधावन पोर्ट और आरईसी के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा: श्री सर्बानंद सोनोवाल

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने जेएन पोर्ट परिसर में प्रमुख टिकाऊ परियोजनाओं का उद्घाटन किया

श्री सोनोवाल ने स्मार्ट एसईजेड परियोजना और जश्कर झील के जीर्णोद्धार हेतु भूमिपूजन किया

जहाजों के लिए बिजली आपूर्ति बढ़ाकर टिकाऊ प्रयास को बढ़ावा देने के लिए जेएनपीए और गेटवे टर्मिनल इंडिया (जीटीआई) के बीच समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए

New Delhi (IMNB). केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर तीन मीठे पानी की झीलों का उद्घाटन करने के बाद प्रमुख टिकाऊ परियोजनाओं का अनावरण किया। इन सभी झीलों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण किया गया जो वर्षा जल संचयन और आवास जीर्णोद्धार के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों के रूप में काम करेंगे। सोनोवाल ने विभिन्न बंदरगाह बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं की भी समीक्षा की।

केंद्रीय मंत्री श्री सोनोवाल ने बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण बढ़ाने हेतु जेएन पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और वधावन पोर्ट के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर समारोह में भी भाग लिया। बंदरगाह की टिकाऊ पहल को बढ़ावा देने के लिए जेएनपीए और गेटवे टर्मिनल इंडिया (जीटीआई) के बीच दूसरे एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा, “हमारे बंदरगाह हमारे देश की सबसे बड़ी संपत्ति हैं, जिनका उपयोग ‘आत्मनिर्भर’ भारत के आर्थिक विकास को शक्ति प्रदान करने के लिए किया जाना चाहिए ताकि यह हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का सपना पूरा कर सके। हमारे बंदरगाहों पर स्थायी विकास अभियान भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने और ‘विकसित भारत’ दृष्टिकोण के तहत राष्ट्र के विकास में योगदान करने का एक प्रमुख घटक है। यह बहुत गर्व का क्षण है कि हमने इन तीन प्राचीन झीलों का नाम महाराष्ट्र के पूज्य संतों, संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत एकनाथ महाराज और संत नामदेव महाराज के सम्मान में रखा है। पुनः भरे और पुनर्जीवित झीलों के साथ, मुझे यकीन है कि ये प्रयास जेएन पोर्ट में स्थिरता के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे।”

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्मार्ट एसईजेड परियोजना का शिलान्यास भी किया। इस परियोजना में परिसर में घुसपैठ को रोकना, वाहनों की अनुशासित आवाजाही सुनिश्चित करना, गेट संचालन को सुव्यवस्थित करना, कर्मचारियों और वाहनों की स्मार्ट ट्रैकिंग, साथ ही लैन उपयोगकर्ताओं के लिए सभी उपयोगिता भवनों तक नेटवर्क कनेक्टिविटी का विस्तार करना शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य भविष्य के अनुप्रयोगों जैसे कि ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली, स्मार्ट जल प्रबंधन, स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, स्मार्ट पार्किंग और वेब्रिज के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करना है। सोनोवाल ने जेएनपीए एसईजेड में ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत एक पौधा भी लगाया।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सोनोवाल ने यह भी कहा, “आज, हमने जेएनपीए, वधावन पोर्ट और आरईसी के साथ-साथ जेएनपीए एवं जीटीआई के बीच दो प्रमुख समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। ये मोदी सरकार के बुनियादी ढांचे को विकास के प्रयास के साथ-साथ स्थायित्व की दिशा में प्रयासों को और मजबूत करेंगे। हमारे बंदरगाह निर्बाध व्यापार की सुविधा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अपनी भूमिका को मजबूत करके भारत के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमारा मंत्रालय अधिक टिकाऊ प्रयासों की दिशा में काम कर रहा है क्योंकि हमें अपने पर्यावरण को समृद्ध करना चाहिए और अपने देश की भावी पीढ़ियों के लिए अत्यधिक जिम्मेदारी के साथ आर्थिक विकास हासिल करना चाहिए।”

क्षेत्र के पारिस्थितिकी संतुलन को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए तीन प्रमुख जल निकायों का उद्घाटन किया गया। इनमें प्रशासनिक भवन फ़ुटहिल झील और सीपीपी झील शामिल हैं, जो दोनों ही रणनीतिक रूप से बंदरगाह क्षेत्र के भीतर स्थित हैं। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने जश्कर झील के लिए भूमिपूजन भी किया। इन झीलों का नाम महाराष्ट्र के पूज्य संतों: संत ज्ञानेश्वर महाराज, संत एकनाथ महाराज और संत नामदेव महाराज के सम्मान में रखा गया है। श्री सोनोवाल ने एसईजेड रियायतग्राहियों को आशय पत्र (एलओआई) भी जारी किए। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री का स्वागत जेएनपीटी के अध्यक्ष उन्मेष शरद वाघ ने किया।

जेएनपीए ने 7 चरणों में भूखंड आवंटित किए हैं। 57 एकड़ के लिए चरण 7 की हाल ही में हुई ई-नीलामी में उल्लेखनीय उत्साह देखने को मिला, जिसमें 21 बोली लगाने वालों ने 6 यूनिट भूखंडों और 3 सह-डेवलपर भूखंडों के लिए बोलियां प्रस्तुत कीं। उल्लेखनीय रूप से, उक्त भूखंडों के लिए आरक्षित मूल्य से ऊपर उद्धृत मूल्य में कुल मिलाकर 95.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप जेएनपीए के लिए आरक्षित मूल्य से 63 प्रतिशत अधिक राजस्व वृद्धि हुई।

रणनीतिक अनुबंधों के तहत, जेएनपीए ने लिक्विड बर्थ 3/लिक्विड बर्थ 4 (एलबी3/एलबी4) के रियायतग्राहियों को रियायत प्रदान करने की तिथि जारी की। जेएनपीए ने अतिरिक्त लिक्विड कार्गो बर्थ (एएलसीबी), विशेष रूप से लिक्विड बर्थ-3 और लिक्विड बर्थ-4 की शुरुआत के साथ अपनी लिक्विड कार्गो हैंडलिंग क्षमता के सफल विस्तार की घोषणा की। इन बर्थों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के माध्यम से सुसज्जित, संचालित, रखरखाव और अंततः स्थानांतरित किया जाएगा। वर्तमान में, जेएनपीए अपने मौजूदा लिक्विड बर्थ-1 और लिक्विड बर्थ-2 के माध्यम से लगभग 6.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) लिक्विड कार्गो हैंडल करता है। अतिरिक्त लिक्विड कार्गो बर्थ एलबी3 और एलबी4 के पूरा होने के साथ, जेएनपीए की कुल लिक्विड कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़कर 11 एमएमटीपीए हो जाएगी।

स्थानीय समुदाय को और सशक्त बनाने तथा कार्यबल विकास को बढ़ावा देने के लिए, केंद्रीय मंत्री ने जेएनपीए द्वारा विकसित वधावन कौशल कार्यक्रम के व्हाट्सएप चैटबॉट को लॉन्च किया, जिसे कौशल विकास कार्यक्रमों तक पहुंचने, वधावन बंदरगाह के बारे में जानकारी प्रदान करने तथा जेएनपोर्ट पर जाने की प्रक्रिया के द्वारा उपयोगकर्ताओं का मार्गदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस चैटबॉट का पहला लक्ष्य मूल्यवान डेटा एकत्र करना तथा यह सुनिश्चित करना है कि वधावन के युवाओं को रोजगार अवसरों के अपेक्षित प्रशिक्षण मिले। वधावन बंदरगाह परियोजना से लगभग 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

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