AI चैटबॉट पीएम-किसान योजना की दक्षता और पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
AI चैटबॉट किसानों को उनके प्रश्नों का त्वरित, स्पष्ट और सटीक उत्तर भी प्रदान करेगा
इस पहल के माध्यम से, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का लक्ष्य देश भर के किसानों को निर्बाध सहायता और समर्थन प्रदान करना है
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने आज यहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के लिए AI (एआई) चैटबॉट (पीएम किसान मित्र) लॉन्च किया। एआई चैटबॉट का लॉन्च पीएम-किसान योजना की दक्षता और पहुंच बढ़ाने और किसानों को उनके प्रश्नों का त्वरित, स्पष्ट और सटीक उत्तर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्री कैलाश चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि कृषि क्षेत्र को तकनीक के साथ जोड़ने के लिए उठाया गया यह बड़ा कदम किसानों के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने वाला है। उन्होंने कहा कि आज कृषि मंत्रालय ने विभिन्न भाषाओं में AI (एआई) चैटबॉट के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान एक ही स्थान पर मोबाइल के माध्यम से करने की पहल कर उनकी शिकायतों का निपटान करने का एक महत्वपूर्ण काम किया है। कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुड गवर्नेंस के तहत तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आह्वाहन किया है और आज की गई यह पहल उसमें मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि आज कृषि में तकनीक के इस्तेमाल का ही प्रभाव है कि किसान ड्रोन के माध्यम से खेती कर रहा है जिसके चलते युवा भी कृषि की ओर आकर्षित हो रहा है। इसी के चलते देश में कृषि के क्षेत्र में नए-नए स्टार्ट-अप शुरु हो रहे हैं।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने राज्य के अधिकारियों से अपील की कि वे किसानों को AI (एआई) चैटबॉट के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें व उचित निगरानी रखें और इसके प्रयोग के प्रारंभिक दौर में आने वाली समस्याओं का तुरंत प्रभाव से समाधान करें। उन्होंने इस पहल को मौसम की जानकारी, फसल नुकसान व मृदा की स्थिति की जानकारी देने, बैंक पेमेंट आदि से जोड़ने की बात पर बल दिया। राज्य मंत्री ने बहुत कम समय में तकनीक को शामिल करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों की सराहना की और कहा कि इससे केंद्र और राज्यों के कृषि अधिकारियों के ऊपर काम का बोझ कम हो जाएगा।
इस वर्चुअल लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, भारत सरकार और राज्य सरकार के गणमान्य व्यक्ति कृषि क्षेत्र में इस उल्लेखनीय उपलब्धि का समारोह मनाने के लिए एकत्र हुए। पीएम किसान योजना के लिए एआई चैटबॉट का सफल लॉन्च किसानों के कल्याण के लिए प्रौद्योगिकीय उन्नति का लाभ उठाने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
कृषि मंत्रालय के सचिव श्री मनोज आहूजा ने कहा कि इस पहल को अगले कुछ महीनों में कृषि मंत्रालय की सभी बड़ी योजनाओं में लागू किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, डॉ. प्रमोद मेहरदा ने चैटबॉट की विशेषताओं और किसानों के लिए इसके लाभों एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
AI (एआई) चैटबॉट माध्यम से देश भर के किसानों को निर्बाध सहायता और समर्थन प्रदान की जाएगी। योजना की जानकारी तक पहुंचने और शिकायतों को हल करने में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानते हुए, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पीएम किसान हेतु एआई चैटबॉट पेश करने के लिए एक प्रगतिशील कदम उठाया। इस चैटबॉट को ईकेस्टेप(EKstep) फाउंडेशन और भाषिनी(Bhashini) के सहयोग से विकसित और बेहतर बनाया जा रहा है। एआई चैटबॉट लाभार्थियों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें योजना से संबंधित उनके प्रश्नों का समय पर और सटीक उत्तर प्रदान करता है। पीएम-किसान शिकायत प्रबंधन प्रणाली में एआई चैटबॉट की शुरुआत का उद्देश्य किसानों को उपयोगकर्ता-अनुकूल और सुलभ प्लेटफॉर्म के साथ सशक्त बनाना है। विकास के अपने पहले चरण में, एआई चैटबॉट किसानों को उनके आवेदन की स्थिति, भुगतान विवरण, अपात्रता की स्थिति और अन्य योजना-संबंधित अपडेट की जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेगा।
पीएम किसान मोबाइल ऐप के माध्यम से सुलभ एआई चैटबॉट को भाषिनी के साथ एकीकृत किया गया है, जो पीएम किसान लाभार्थियों की भाषाई और क्षेत्रीय विविधता को पूरा करते हुए बहुभाषी समर्थन प्रदान करता है। उन्नत प्रौद्योगिकी के इस एकीकरण से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि किसानों को सूचित निर्णय लेने में भी सशक्त बनाया जाएगा। वर्तमान में चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, उड़िया और तमिल में उपलब्ध है। कुछ ही समय में यह देश की सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा।
बैकग्राउण्ड –
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) भारत में भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं की सहायता करने के लिए फरवरी 2019 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से पात्र किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये का वार्षिक वित्तीय लाभ प्रदान करती है। इसकी स्थापना के बाद से अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.61 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं, यह विश्व स्तर पर सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है।
पीएम-किसान योजना ने देश भर में खेती योग्य भूमि वाले भूमिधारक किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। योजना के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण ने महिला लाभार्थियों सहित लाखों किसानों को समय पर वित्तीय सहायता सुनिश्चित की है, जो उनके सामाजिक-आर्थिक कल्याण में योगदान दे रही है। कोविड महामारी के दौरान, लाभार्थियों को 1.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए, जिससे किसानों और उनके परिवारों को कठिन समय में बड़ी राहत मिली।
भारत सरकार ने फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित ई-केवाईसी की सुविधा वाला एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया है। यह ऐप पहला मोबाइल ऐप है जो सरकार की किसी भी लाभ योजना में फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित ई-केवाईसी सुविधा का उपयोग करता है। इस मोबाइल ऐप का उपयोग करना बहुत आसान है और यह गूगल प्ले स्टोर पर सरलता से डाउनलोड किया जा सकता है। यह ऐप आधुनिक प्रौद्योगिकी का अद्भुत उदाहरण है, जिसके माध्यम से अब किसान घर बैठे देश के दूर-दराज के इलाकों में भी बिना किसी ओटीपी या फिंगरप्रिंट के सिर्फ अपना चेहरा स्कैन करके अपना ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि वे अपने पड़ोस के 100 अन्य किसानों को भी उनके दरवाजे पर ई-केवाईसी पूरा करने में सहायता कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए किसानों की ई-केवाईसी पूरी करने की सुविधा भी बढ़ा दी है, जिससे प्रत्येक अधिकारी को 500 किसानों के लिए ई-केवाईसी करने की अनुमति मिल गई है।