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पीठ ने कहा, ‘हमने किसी के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया है, हमने अपने आदेश में वही कहा जो हमें उचित लगा।’ पीठ ने कहा कि फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का ‘स्वागत’ है।
ईडी ने क्यों जताई केजरीवाल के भाषण पर आपत्ति?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी रैलियों के दौरान कह रहे हैं कि अगर जनता 25 मई को अगर आप ‘कमल’ का बटन दबाएंगी तो उन्हें वापस जेल जाना पड़ेगा, लेकिन अगर जनता ने INDIA गठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में वोट दिया तो उन्हें 2 जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए जो शर्त लगाईं थी, उनमें एक शर्त ये भी थी कि वे लोगों के बीच दिल्ली शराब घोटाले के बारे में बात नहीं करेंगे।
ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ‘केजरीवाल का बयान व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है।’ उन्होंने कहा कि ‘याचिकाकर्ता (अरविंद केजरीवाल) खुद को खास समझ रहे हैं, जबकि हम उनके मामले को भी सामान्य मामले की तरह देख रहे हैं। कृप्या ये देखें कि रिहा होने के पहले ही दिन उन्होंने क्या कहा। क्या ये मामले के बारे में नहीं है।’ इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि ‘नहीं, उन्होंने केस के बारे में बात नहीं की है। यह उनकी अवधारणा है और हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। हम कह चुके हैं कि हमारा आदेश साफ था और हम स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि हम किसी के लिए भी कोई अपवाद नहीं बना रहे हैं।’