समाज कल्याण विभाग पर वृद्धजनों के संगठनों की उपेक्षा करने का आरोप
छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री भूपेश बघेल से आगामी 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के संयोजक वीरेंद्र नामदेव ने 1 अक्टुबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर देश के कई अन्य राज्यों का अनुशरण करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के यात्री बसों में वृद्धजनों के लिए बस भाड़ा में कम से कम 50% छूट देने की घोषणा कर तुरन्त आदेश प्रसारित करने और इसे अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टुबर 23 से ही छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग की है.कर्नाटक,आंध्रप्रदेश, तेलंगाना,महाराष्ट्र, हरियाणा, हिमाचल,पंजाब जैसे राज्यों में वृद्धजनों को बस यात्रा में किराया में छूट की सुविधा है तथा कुछ राज्यों में 75 वर्ष की आयु पर मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है. अत: छत्तीसगढ़ राज्य में भी वृद्ध जनों को यह सुविधा मिलनी चाहिए. इसके साथ अपनी खुद की सरकारी सुख सुविधाओं बढ़ाने वाली सरकार को अपने राज्य में वृद्धजनों की ओर ध्यान देने और उनकीं सुख सुविधाओं पर भी सही निर्णय कर वरिष्ठ नागरिकों के अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर कार्य को अंजाम देने का आग्रह किया है.
जारी विज्ञप्ति में पेंशनर फेडरेशन के संयोजक व पेंशनर्स महासंघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव, पेंशनरधारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ डी पी मनहर, प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा पेंशनर्स एसोशियेशन के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती द्रोपदी यादव, राष्ट्रीय मंत्री पूरन सिंह पटेल, पेंशनर्स महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी मिश्रा, महामन्त्री अनिल गोल्हानी, प्रदेश कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर,वरिष्ठ नागरिक परिसंघ के प्रदेश संयोजक अनूप श्रीवास्तव,अनिल पाठक,आर जी बोहरे, कलावती पांडे, कुंती राणा, बी के वर्मा, आर एन टाती, राकेश जैन, प्रदीप सोनी,रामकुमार थवाइत, अशोक तिवारी, कृपाशंकर मिश्रा, विद्या देवी साहू, जी पी साहू, वीरेंद्र नाग, राम रतन कैवर्त आदि ने आगे बताया है कि शासन के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग के द्वारा प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण और सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण विकसित करने हेतु प्रति वर्ष 1अक्टुबर को वृद्ध जन दिवस के रूप में मनाया जाता है. सरकारी तौर पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है परंतु ये कार्यक्रम कब कहाँ और कैसे आयोजित होते है.प्रदेश के वृद्धजनों के संगठनों और पेंशनर संघों को पता भी नहीं चलता है. राज्य में अनेक पेंशनर्स यूनियन एवं वरिष्ठ नागरिकों के संगठन सक्रीय है,उनसे सलाह- सुझाव के लिए कोई बैठक नहीं की जाती और यदि बैठक होती भी है तो इसकी जानकारी से अवगत नहीं कराया जाता है. हो सकता है कुछ अपने चिरपरिचित लोगों द्वारा निर्मित संगठनों के साथ खानापूर्ति कोई चर्चा बैठक की जाती हो तो इसकी आम वृद्धजनों को कोई जानकारी नहीं होती और बिना प्रचार- प्रसार के आयोजन का कोई औचित्य नहीं है. यह सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धजनों – प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य करने वाले सक्रिय संगठनों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है जो जनहित में अनुचित है.