राम-राम मुख नाम, बसे प्रभु आठों याम,
ऐसे हनुमान जी के,
साथ रघुनाथ हैं।
अलौकिक तेज पुंज,राम-राम की है गूंज,
चरणों में राम जी के,
झुके सदा माथ हैं।
‘सुषमा’ सुभग काम, शुरू करो लेके नाम,
नेक राह चलो प्राणी,
जानकी जी साथ हैं।
ईर्ष्या द्वेष तज कर, श्रद्धा भाव हिय भर ,
सत्य मार्ग अपनाना ,
आपके ही हाथ हैं ।
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…..✍️कवयित्री सुषमा प्रेम पटेल(रायपुर छ.ग.)