*जन स्वास्थ्य अभियान की राष्ट्रीय बैठक नई दिल्ली में संपन्न*
*सभी के लिए स्वास्थ्य और सभी के पहुंच में स्वास्थ्य की घोषणा*
*छत्तीसगढ़ से 4 सदस्यों ने की सहभागिता*
नई दिल्ली – विगत दिवस 7 एवं 8 दिसम्बर 2024 को जन स्वास्थ्य अभियान राष्ट्रीय परिषद की बैठक सम्पन्न हुई । बैठक में 14 राज्यों से चुनें हुए 40 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया । जिसमें छत्तीसगढ़ से सुखमती बघेल (बस्तर), प्रकाश गार्डिया (रायपुर), चंद्रकुमारी लहरे (बिलासपुर) एवं चंद्रकांत यादव (दुर्ग संभाग) ने सहभागिता निभाया। दो दिनों तक चले जन स्वास्थ्य अभियान राष्ट्रीय परिषद की बैठक के पहले दिन राज्यों की स्वास्थ्य समस्याओं और चुनौतियों पर चर्चा, राज्यों में स्वास्थ्य अभियान की गतिविधियों पर प्रस्तुतीकरण हुआ। खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य विशेषज्ञ बेंगलुरु की डाक्टर वीणा शत्रुघन ने बताया कि एनीमिया, कुपोषण के साथ साथ खाद्य पदार्थों को लेकर फैली कई भ्रांतियों पर भी कार्य करने की जरूरत है। मजदूर और आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर पर्यावरणीय प्रभाव और हेल्थ इंपैक्ट असेसमेंट के केस स्टडीज पर विस्तृत चर्चा हुई। सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की चुनौतियों, दवाओं की बढ़ती कीमत, निजी अस्पतालों के रेगुलेशन और अनैतिक दवा परीक्षण पर भी चर्चा हुआ। महिला और बाल स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों ने बात रखी और जागरूकता सामग्री बनाने की बात कही। दूसरे दिन निजीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं के व्यवसायीकरण पर विशेषज्ञों ने बात रखी। उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण और जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने के विरोध को लेकर चल रहे आंदोलन पर चर्चा हुई। अभियान के ढांचा और जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य अभियान को मजबूत करने की रणनीति को रेखांकित किया गया। बैठक में अतिथि वक्ताओं ने सार्वजानिक स्वास्थ्य के लगातार कमज़ोर होने, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, एनीमिया, कुपोषण, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण, व्यवसायिक (ऑक्यूपेशनल) स्वास्थ्य के मुद्दे, दवाओं की बढ़ती कीमतें, स्वास्थ्य बीमा के हालात तथा स्वास्थ्य नीतियों और वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं के हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की। बैठक में चर्चा उपरांत निष्कर्ष हुआ कि देश में एक मजबूत स्वास्थ्य आंदोलन खड़ा किए बग़ैर कोई सुधार नहीं लाया जा सकता है।
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने संकल्प लिया कि देश के अन्य आंदोलनों, नेटवर्क, सामाजिक संगठन और संस्थाओं को जन स्वास्थ्य के मुद्दों के साथ जोड़ते हुए मजबूत स्वास्थ्य आंदोलन खड़ा किया जाएगा। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जन स्वास्थ्य अभियान के 25 वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य आंदोलन के लिए राष्ट्रीय परिषद ने 7 प्रमुख मुद्दे पर अभियान के लिए संकल्प लिया, जिसमें –
1. सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती के लिए आवाज बुलंद करना।
2. स्वास्थ्य सेवा और व्यवस्था के निजीकरण का हर स्तर पर विरोध करना।
3. व्यवसायिक एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करना।
4. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करना।
5. दवाओं की कीमतों और नीति पर राष्ट्रव्यापी अभियान का संचालन।
6. स्वास्थ्य वर्कर्स के मुद्दे पर काम करना।
7. वंचित और अल्पसंख्यक समुदाय के स्वास्थ्य मुद्दे पर अभियान प्रमुख है।
जन स्वास्थ्य अभियान की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अंतिम सत्र में 9 सदस्यीय राष्ट्रीय संयोजक समूह बनाए गए जिसमें छत्तीसगढ़ के कबीरधाम के गाँव में जन्मे युवा सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत यादव को राष्ट्रीय शीर्ष नेतृत्व में बड़ी जिम्मेदारी देते राष्ट्रीय संयोजक समूह में शामिल किया गया। चंद्रकांत यादव विगत 15 वर्षों से देश में विशेष संरक्षित जनजाति PVTGs समूहों के आजीविका, पोषण एवं स्वास्थ्य पर उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। इसके साथ साथ चंद्रकांत छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य अभियान और स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतरी के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। उनके इन्हीं योगदान को देखते हुए राष्ट्रीय परिषद में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रीय परिषद में 7 सदस्यीय राष्ट्रीय सचिवालय समूह का गठन किया गया। बैठक में थीमेटिक हेल्थ एक्सपर्ट को भी शामिल करने का निर्णय हुआ।
*सबके लिए स्वास्थ्य और सबकी पहुंच में स्वास्थ्य* के संकल्प के साथ राष्ट्रीय परिषद की बैठक संपन्न हुआ ।