मनोरा की लखपति दीदी ममता मंडल के जीवन की प्रेरणादायक यात्रा

जशपुरनगर 28 मार्च 2025/ यह कहानी ममता मंडल की है, जिन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया और बिहान कार्यक्रम से जुड़कर अपने परिवार के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।

ममता मंडल का विवाह 2003 में हुआ, जिसके बाद वह जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड के आस्ता ग्राम पंचायत में आ गईं। उनके पति साधारण कार्य करते थे और दोनों एक किराए के छोटे घर में रहते थे। ममता की शिक्षा आठवीं तक हुई थी, लेकिन वह अपने जीवन में कुछ बड़ा करना चाहती थीं।
सशक्तिकरण की ओर पहला कदम
2018 में ममता ने सीआरपी चक्र के दौरान बिहान कार्यक्रम के तहत  शिव शक्ति  स्वयं-सहायता समूह से जुड़कर अपनी आर्थिक स्वतंत्रता की यात्रा शुरू की। शुरुआत में उन्होंने 10-20 रुपये की बचत करनी शुरू की। धीरे-धीरे उनकी बचत राशि 50 से 100 रुपये हो गई, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह समूह की नेतृत्वकर्ता बन गईं।
व्यवसाय की शुरुआत और सफलता
2019 में ममता ने 60 हजार का ऋण लेकर कपड़ों की दुकान शुरू की। उनकी मेहनत रंग लाई, और व्यापार में मुनाफा होने लगा। उनकी नेतृत्व क्षमता को पहचानते हुए उन्हें भारत माता ग्राम संगठन की अध्यक्ष चुना गया। व्यापार से होने वाली आय से उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा में निवेश किया, जिससे दोनों बेटों ने ग्रेजुएशन पूरा किया।
व्यवसाय का विस्तार
अपने आर्थिक हालात को और मजबूत करने के लिए ममता ने ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान जशपुर से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लिया और इसे अतिरिक्त आय स्रोत बनाया। उनका बेटा शौरभ भी ड्राइविंग का प्रशिक्षण लेकर दूसरों की गाड़ियाँ चलाने लगा।
2022 में ममता ने खुद की एक अर्टिगा कार खरीदी और इसे किराए पर चलवाकर अच्छा लाभ कमाने लगीं। नियमित रूप से ऋण चुकाते हुए उन्होंने 2023 में एक पिकअप वाहन भी खरीदा, जिससे उनकी आय और बढ़ गई।
परिवार और सामाजिक योगदान
ममता के पति कृष्णा चंद्र मंडल मधुमेह से पीड़ित हैं, लेकिन वह उनका पूरा ध्यान रखती हैं। अब वह अपने बेटे के विवाह के लिए बहू की तलाश कर रही हैं और योजना बना रही हैं कि उसे भी बिहान समूह में जोड़कर आत्मनिर्भर बनाएँगी।
ममता मंडल की यह यात्रा साबित करती है कि इच्छाशक्ति और सही मार्गदर्शन से कोई भी अपनी परिस्थितियों को बदल सकता है। उनका संघर्ष और सफलता उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती हैं।

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