सहजानंद स्वामी भगवान स्वामी नारायण ने आदर्श जीवन के मूल्यों व जटिल आध्यात्मिक ज्ञान को शिक्षापत्री में सरल रुप में परिवर्तित कर संसार को देने का काम किया और प्रमुख स्वामी महाराज ने इस संदेश को खुद के जीवन में उतारा और करोड़ों लोगों तक पहुंचाया
प्रमुख स्वामी महाराज ने सन्यास परंपरा को पुनर्व्याखित और पुनर्जीवित किया जिसने आध्यात्मिक संकट के साथ-साथ राजनीतिक संकट में भी देश का मार्गदर्शन किया
एक सन्यासी का समाज में योगदान लोगों को शांति, सद्मार्ग व सदउद्देश्य देना होता है जिसे प्रमुख स्वामी महाराज ने जीवन पर्यंत किया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से लेकर अब तक का काल सांस्कृतिक काल के रुप में पहचाना जाएगा, जिसके अंतर्गत हर क्षेत्र में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है
श्री शाह ने कहा कि चिंताओं और मुश्किलों से घिरने पर जब भी वे स्वामी महाराज जी के पास गये, हमेशा शांति, चेतना और उर्जा ही वापस लेकर लौटे
प्रमुख स्वामी महाराज ने घरसभा के माध्यम से परिवारों में कुटुंब की भावना को मजबूत कर फिर से कुटुंब नाम की संस्था को जीवित करने का काम किया
प्रमुख स्वामी महाराज ने अमेरिका जैसे देशों के अंदर 100-150 एकड़ भूमि में विराट मंदिरों का सृजन अपने 1100 साथियों के माध्यम से किया
बाप्स(BAPS) ने लाखों युवाओं और हजारों परिवारों को व्यसन की लत से मुक्त करने का काम किया
बाप्स(BAPS) के माध्यम से देश में शांति, सदभावना, विकास, राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र कल्याण के संस्थान और भी सुदृढ़ बनेंगे
देश पूज्य प्रमुख स्वामी के बताए रास्ते पर चलकर अपने आध्यात्मिक उत्थान के साथ-साथ राष्ट्र का भी उत्थान करेंगे
इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि भगवान स्वामी नारायण सहजानंद स्वामी ने चिरपुरातन भारतीय ज्ञान,परंपरा,वेदों,उपनिषदोंके जटिल ज्ञान को सरल करने के लिए ब्रह्मसूत्र में से अद्वैत,अद्वैतमें से शुद्धाद्वैत, विशिष्टाद्वैत तक की पूरी ज्ञान परंपरा की यात्रा की और आदर्श जीवन के मूल्यों व जटिल आध्यात्मिक ज्ञान को शिक्षापत्री में सरल रुप में परिवर्तित कर संसार को देने का काम किया जिसे प्रमुख स्वामी महाराज ने खुद के जीवन में उतारा और करोड़ों लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने सन्यास परंपरा को पुनर्व्याखित और पुनर्जीवित किया जिसने आध्यात्मिक संकट के साथ-साथ राजनीतिक संकट में भी देश का मार्गदर्शन किया। भारत में विभिन्न संप्रदायों और ज्ञान की अनेक परम्पराओं के होने के बावजूद भी बिना किसी संघर्ष के सब एक साथ चलते हैं जिसका मूल कारण सन्यासी परंपरा ही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सन्यासी का समाज में योगदान मानवों को शांति, सद्मार्ग और सदउद्देश्य देना होता है जिसे प्रमुख स्वामी महाराज ने बिना बोले जीवन पर्यंत करके दिखाया। प्रमुख स्वामी महाराज ने अपने जीवन में 1100 से ज्यादा सन्यासियों की टुकडी तैयार की, हजारों मंदिर बनवाए, अनेक सत्संग सभाएं कीं और घर-घर जाकर लोगों के दुख-दर्द सुने। उन्होंने घरसभा के माध्यम से परिवारों में कुटुंब की भावना को मजबूत कर फिर से कुटुंब नाम की संस्था को जीवित करने का काम किया जिसका बना रहना ही भारतीय संस्कृति के अस्तित्व का द्योतक है।उन्होंने कहा किप्रमुख स्वामी महाराज द्वारा बनाई गयी नगरी देश और दुनियाभर के मेनेजमेन्ट के विद्यार्थियों के लिए एक सक्सेस स्टोरी प्रोजेक्ट जैसा है।लोग इस नगरी में आकर प्रमुख स्वामी महाराज के जीवन के संदेश,वेद,उपनिषद् और सांस्कृतिक बोधकथाओं को समझेंगे।
श्री शाह ने कहा किप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से लेकर अब तक का काल सांस्कृतिक काल के रुप में पहचाना जाएगा, जिसके अंतर्गत हर क्षेत्र में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है, चाहे वह रामजन्मभूमि का शिलान्यास कर राममंदिर बनाना हो, काशी विश्वनाथ का जीर्णोद्धारकरना हो, बद्रीधाम, केदारधाम को सुविधाओं से युक्त बनाना हो, अंबाजी, सोमनाथ और पावागढ में ऐतिहासिक भवन का निर्माण करना हो, भारत के योग को विश्व की धरोहर बनाना हो, आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना हो या गंगा शुद्धीकरण के प्रोजेक्ट को जमीन पर लाना हो।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा किचिंताओं और मुश्किलों से घिरने पर जब भी वे स्वामी महाराज जी के पास गये, हमेशा शांति, चेतना और उर्जा ही वापस लेकर लौटे ।उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने अमेरिका जैसे देशों के अंदर 100-150 एकड़ भूमि में विराट मंदिरों का सृजन अपने 1100 साथियों के माध्यम से किया । विदेशों में बने ये मंदिर वहां बसने वाले अनेक सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक चेतना का केन्द्र बने औरनई पीढ़ी को जीवन के मूल्य सिखाने वाले उर्जा के केन्द्र बने।
श्री शाह ने कहा कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है उसी समय प्रमुख स्वामी महाराज का शताब्दी महोत्सव मनाया जा रहा है जिसकी शुरुआत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और महंत स्वामी के हाथों से हुई।उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनकी संस्कृति, धर्म, आध्यात्म,देश के विकास में दिए गए योगदान और उनके द्वारास्थापित की गई परम्परा को सदियों तक जीवित रखने का काम बाप्स(BAPS)को करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाप्स(BAPS) ने लाखों युवाओं और हजारों परिवारों को व्यसन की लत से मुक्त करने का काम किया है। बाप्स(BAPS) के माध्यम से देश में शांति, सद्भावना, विकास, राष्ट्रभक्ति और राष्ट्र कल्याण के संस्थान और भी सुदृढ़ बनेंगे।
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