उपराष्ट्रपति ने कहा “अगर किसी व्यक्ति के बारे में सोशल मीडिया पर कोई फर्जी बातें फैलाई जाती है तो उस व्यक्ति की सुरक्षा कौन करेगा?”
कुछ गुमराह लोग घातक एजेंडे के साथ देश के भीतर और बाहर काम कर रहे हैं – उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने वैश्विक मीडिया द्वारा स्थापित मनगढ़ंत कहानियों का मुकाबला करने का आह्वान किया
उपराष्ट्रपति ने भारत के विकास की गाथा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता पर जोर दिया
गलत सूचना शांति, स्थिरता और लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है– उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने 2022 और 2023 बैचों के भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षुओं अधिकारियों के साथ बातचीत की
फर्जी और झूठी जानकारी का प्रभावी रूप से मुकाबला करने के लिए राज्य के अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई प्रतिक्रियाओं की प्रशंसा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने युवा अधिकारियों से गलत सूचना को बेअसर करने के लिए तेज गति से कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “फर्जी खबरों को जड़ से समाप्त करना होगा।”
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इस प्रकार की गलत सूचना किसी संस्थान या किसी व्यक्ति के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है, श्री धनखड़ ने कहा कि “अगर किसी व्यक्ति के बारे में सोशल मीडिया पर कोई फर्जी कहानी फैलाई जाती है तो उस व्यक्ति की सुरक्षा कौन करेगा?” उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को सूचना योद्धा बताते हुए उनसे फ्रंट फुट पर काम करने और प्रभावित व्यक्ति या संस्था की निजता और प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए कहा।
उपराष्ट्रपति ने भारत को दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र बताते हुए कहा कि सरकार की वैधता इस बात पर निर्भर करती है कि आम लोगों का उस पर कितना भरोसा है। उन्होंने कहा कि “आईआईएस अधिकारियों के रूप में आपको नागरिकों और उनकी निर्वाचित सरकार के बीच सेतु का काम करने का अधिकार प्राप्त है और आप उससे सुसज्जित हैं।”
कुछ “गुमराह लोगों” द्वारा हमारे देश की संस्थानों को कलंकित, बदनाम, नीचा दिखाने के लिए कहानियों को फैलाने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उन्हें जल्द से जल्द बेअसर करने का आह्वान किया। उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि “घातक एजेंडे वाली ये कुटिल शक्तियां देश के भीतर और बाहर अल्प संख्या में काम कर रही हैं। आप योद्धा हैं।”
वैश्विक मीडिया द्वारा प्रेरित कहानियों का प्रभावी मुकाबला करने का आह्वान करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें कभी भी दूसरों को हमारी जांच करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा, “वैश्विक मीडिया की पक्षपातपूर्ण कहानियों को बेअसर करने की आवश्यकता है।
भारत के विकास की गाथा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि भारतीय सूचना सेवा वैश्विक स्तर पर “ब्रांड इंडिया” को गढ़ने और बढ़ावा देने की सही दिशा में है। उन्होंने कहा, “दुनिया को बताएं कि हम किस तरह के देश हैं। हम एक ऐसे देश हैं जिसकी कोई बराबरी नहीं है; हम एक ऐसे देश हैं जिसकी सांस्कृतिक विरासत और विविधता समृद्ध है। हमारी 5000 साल पुरानी सभ्यता के सिद्धांतों को दुनिया को बताना जरूरी है।”
यह स्वीकार करते हुए कि जमीनी स्तर से प्राप्त सही फीडबैक ही सही नीतियों के निर्माण में मदद करती है, उपराष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को नवीनतम तकनीकों के साथ खुद को अपडेट करने की सलाह दी। उपराष्ट्रपति ने हाल के लोकसभा चुनावों में भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मतदाता जागरूकता बढ़ाना और अंतिम छोर पर खड़े नागरिक तक पहुंचकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करते हुए आपने सराहनीय काम किया है।”
इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू, आईआईएमसी, दिल्ली की महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री सी सेंथिल राजन, वरिष्ठ अधिकारी और 2022 और 23 बैच के प्रशिक्षु अधिकारी शामिल हुए।