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दो दिन पहले लोकसभा के प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल को बर्थडे था। एक मित्र के साथ जाने का मौका मिला। परिचय कुछ गलत हो गया।
कहना चाहिये था कि छत्तीसगढ़ के 8 आर विधायक रहे, सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरूस्कार पाए, कार्यकर्ताओं के काम आने वाले, हर किसी का नाम और चेहरा याद रखने वाले और ऐसी ही कई और विशेषताएं जो लोग उनके बारे में कहते हैं और कभी हमने भी महसूस की हैं, धारण करने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बर्थडे था।
व्यवस्थाएं एक नंबर, खाना-पानी एक नंबर, वातावरण उत्साहपूर्ण एक नंबर, उनके स्टाफ से मिलने वाला व्यवहार एक नंबर यानि सारा कुछ एक नंबर था। दो नंबर था तो उनके दर्शन की प्रतीक्षा। बड़ा बेकरार करती थी मिलने वालों को।
कुछ खल रहा था तो बस वो लंबा इंतजार कि कब आएंगे… कब आएंगे…।
जब अपने क्षेत्र से वापस आए तो घर में घुसे। फिर इंतजार… कि कब तैयार होकर निकलेंगे। रात-रात भर जगकर, सुबह-सवेरे जनसम्पर्क में निकल जाने के कारण समय तो लगना ही था।
उसके बाद जो अति आत्मीय थे या जो जबरा किस्म के लोग थे, मुंहजोर किस्म के कार्यकर्ता, एक्शनबाज छोटे नेता गार्ड को ऐं वें करके अंदर घुस ही जाते थे।
वे घर के अंदर और अन्य स्वाभिमानी किस्म के, संकोची किस्म के, कुछ नये-नवेले, कुछ ग्लैमर की चकाचौंध से चकित मिलने वाले कुनमुनाते बाहर पाण्डाल में विराजे खाने और मट्ठे का मजा लेते बैठे थे।
नाराज दिखे, दुखी दिखे
मगर दूर नहीं
उत्साह में कमी न थी। जब बस दस मिनट और, आधा घंटा और, सुनते-सुनते सहनशक्ति जवाब दे गयी तो कुछ व्यस्त मेहमान तो कुछ संकोची लोग लौटने लगे। मन में क्षोभ लिये। घंटों प्रतीक्षा के बाद भी न मिल पाने के कारण कुछ बुद्धिजीवी, धार्मिक लोग थोड़ा नाराजगी में आहत होकर लौट गये।
राजनीति की मोटी चमड़ी नहीं थी न, तो स्वाभिमान को लगी ठेस चेहरे से झलक रही थी। भारी मन से विदा हो गये।
लेकिन एक बात सबमें कॉमन दिखी कि वे सब के सब बृजमोहन का नाम आते ही सुकून महसूस करते। किसी ने भी ये नहीं कहा कि वो भाजपा को या बृजमोहन अग्रवाल को वोट नहीं करेगा। सबके लिये तमाम परेशानियों के बावजूद लोकसभा का ये प्रत्याशी मोहन भैया ही था।
बहस इस बात में नहीं है कि जीतेगा कौन… बहस इस बात में है कि बृजमोहन अग्रवाल कितने मतों से जीतेंगे और वे जीत के मतों का रिकॉर्ड बनाएंगे कि नहीं… ।
सचिन पायलट का सपना
कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिन पायलट राहुल गांधी की सभा का जायजा लेने आए थे तो दावा किया था कि भाजपा 4 सौ पार का दावा करती है जबकि वो इस आंकड़े से दूर-दूर तक नजर नहीं आती है। देश भर में इण्डिया गठबंधन के प्रत्याशी आराम से चुनाव जीत जाएंगे।
खैर सचिन पायलट जैसे अच्छे इंसान द्वारा ऐसा झूठ बोलने में उनका दोष नहीं है। यहां तो जमानत जप्त होने वाले प्रत्याशी के द्वारा भी जीत के दावे देखे जाते हैं। राजनीति का पहला लेसन यही है।
तभी तो आम आदमी पार्टी के जेल से जमानत पर बाहर आए नेता संजयसिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि इण्डिया गठबंधन 300 सीट जीतेगा और सरकार बनाएगा।
बहरहाल जैसी दीवानगी बृजमोहन अग्रवाल के प्रति लोगों मे दिखती है वैसी सारे देश मे मोदीजी के प्रति हर जगह दिखती है। कांग्रेस नेताओं को ये भी देख लेना चाहिये।
कहा जा सकता है कि सचिन पायलट ये सब जानते-समझते हैं
मगर धंधे का धरम है हर आदमी अपने माल को बेहतर बताता है।
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
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