महिला आरक्षण बिल लाना ऐतिहासिक निर्णय और साहसिक कदम : सुनील रामदास

सुनील रामदास ने महिला आरक्षण बिल नारियों को भारतीय समाज में समरसता लाने वाला कदम बताया 
सुनील रामदास का विश्वास है कि इस बिल से महिलाओं की राजनीतिक भूमिका में वृद्धि होगी और इससे वे देश के नवनिर्माण में निर्णय-निर्माण प्रक्रियाओं में और भी अधिक सक्रिय रूप से शामिल हो सकेंगी।
रायगढ़। वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता और रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास ने संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल को नरेंद्र मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय और साहसिक कदम बताया है। वास्तव में, महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की महिलाओं के लिए उद्धारक बन गए हैं।
उन्होंने आम जनता से इस बारे में समाज में इसके सामाजिक और देशहित में लाभ पर अधिक से अधिक विचार-विमर्श करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बिल महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
” देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा महिला आरक्षण बिल लाने का निर्णय सचमुच में ऐतिहासिक और साहसिक है।”, सुनील रामदास ने कहा।
“इस बिल के पेश होने से देश में नारियों के सशक्तिकरण की जो बातें होती थी वह सही मायनों में सार्थक हुआ है। वास्तव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे सामाजिक वातावरण भी मजबूत होगा, न्याय मिलेगा।”, उन्होंने कहा.
सुनील रामदास का कहना है कि हमारी सनातन संस्कृति में भगवान शंकर को अर्धनारीश्वर स्वरूप माना गया है। यह दर्शाता है कि पुरुष और महिला दोनों समान हैं। दोनों एक ही सत्ता के दो रूप हैं।
महिला आरक्षण बिल भी इसी सिद्धांत को चरितार्थ करता है। यह बिल महिलाओं को न केवल राजनीति में प्रतिनिधित्व का मौका देगा साथ ही साथ महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर मिलेगा। परिणाम स्वरूप महिलाओं के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि होगी, जिससे हमारा समाज अधिक सुखद बनेगा।
अर्धनारीश्वर रूप की तरह, महिला आरक्षण बिल भी समाज में महिलाओं और पुरुषों के बीच के सभी तरह की दूरी को कम करके समानता को बढ़ावा देगा। इससे महिलाओं और पुरुषों के बीच असमानता को कम करने और एक अधिक न्यायपूर्ण समाज बनाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने नारियों के राजनीतिक भागीदारी पर बल देते हुए कहा कि यह प्रस्तावित अधिनियम महिलाओं के सशक्तिकरण के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे महिलाएं परिवार, समाज और देश के निर्णय-निर्माण प्रक्रिया में अधिक सक्रिय रूप से शामिल हो पाएंगी।
सुनील रामदास ने कहा कि महिलाओं के बिना समाज में कोई काम नहीं बनता, उन्हें राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल महिलाओं को राजनीति में अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का अवसर प्रदान करेगा।
सुनील रामदास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह महिला आरक्षण बिल को पारित करने के लिए हर संभव पुख्ता पहल कर रही है।
सुनील रामदास  ने कहा, ” लोकसभा में महिला आरक्षण बिल का पेश होना ऐतिहासिक घटना है। यह बिल महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। भाजपा इस बिल का समर्थन करती है और वह इसे पारित करने के लिए सरकार के साथ काम करेगी।”
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल के पारित होने से भारत में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह बिल महिलाओं को राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा और यह उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने में मदद करेगा।
सुनील रामदास ने कहा कि महिला आरक्षण बिल से महिलाओं के मुद्दों को अधिक ध्यान मिलेगा। महिला सांसद और विधायक महिलाओं के मुद्दों को उठाने और उन्हें हल करने के लिए अधिक सक्षम होंगे। इससे महिलाओं के जीवन में सुधार होगा।

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