सोशल नेटवर्किंग,डिजिटल क्रांति की सफलता भी मानसिक, सामाजिक परेशानियां और दूरियों का बड़ा कारण
21वीं सदी इंटरनेट और वेब मीडिया युग की शताब्दी मानी जा रही है इसलिए सूचना के आदान-प्रदान जनमत तैयार करने विभिन्न क्षेत्रों और संस्कृति को आपस में जोड़ने तथा भागीदार बनाने में सोशल नेटवर्किंग एक बेजोड़ उपकरण की तरह उभरी है। सोशल नेटवर्किंग साइट आज स्टेटस सिंबल भी बन गई है। इसमें जितनी अच्छाइयां हैं दूसरी तरफ उतनी ही बड़ी परेशानी का सबब भी है। आज इस युग में सोशल मीडिया ने विश्व के लोगों को जोड़कर एक ऐसे नए नागरिक का जन्म किया है, जो स्वयं तो जागरूक है दूसरों को भी जागरूक कर रहा है पर इससे बच्चे ही आने आने वाली पीढ़ी के नागरिक मानसिक द्वंद और वयस्क दुनिया में अचानक प्रवेश कर जाते हैं। इसके अलावा मानसिक रोगों को जन्म देने वाली भी यह एक बड़ी मशीन है। आज गांव से लेकर शहर तक हर आदमी सोशल मीडिया के प्रयोग से ग्रसित है और मानसिक संतुलन खोने की स्थिति तक पहुंच चुका है।...