रायपुर, 08 दिसम्बर 2022/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 8 दिसम्बर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 83 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 नवम्बर से 30 नवम्बर तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.31 क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 62 लाख रूपए, गौठान समितियों को एक करोड़ 28 लाख और महिला समूहों को एक करोड़ 93 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 368 करोड़ 67 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें 18 करोड़ रूपए की बोनस राशि भी शामिल है। 08 दिसम्बर को 7.83 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 376 करोड़ 50 लाख रूपए हो जाएगा।
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 30 नवम्बर तक 91.91 लाख क्विंटल गोबर खरीदी के एवज में गोबर विक्रेताओं को 183.83 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। 08 दिसम्बर को गोबर विक्रेताओं को 4.62 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 188.85 करोड़ रूपए हो जाएगा।
गौरतलब है कि 8 दिसम्बर को मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा गोबर विक्रेताओं को जारी की जाने वाली 4.62 करोड़ रूपए के राशि में से 2.88 करोड़ की राशि स्वावलंबी गौठान की ओर से होगी, जबकि कृषि विभाग को मात्र 1.74 करोड़ रूपए का भुगतान करना होगा।
गौठानों में एक लाख 2 हजार 521 लीटर गोमूत्र की खरीदी
19.10 लाख रूपए का बिक चुका ब्रम्हास्त्र और जीवामृत
राज्य के 96 गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गोमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानों में अब तक एक लाख 2 हजार 521 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है, जिसका मूल्य 4 लाख 10 हजार 84 रूपए है। इससे गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 35,968 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 19,765 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है, जिसमें से 27,345 लीटर ब्रम्हास्त्र और 16,634 लीटर जीवामृत की बिक्री से कुल 19 लाख 10 हजार 235 रूपए की आय हुई है।
गौठानों में महिला समूहों द्वारा 18.82 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 5.40 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट एवं 18,924 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा चुका है, जिसे सोसायटियों के माध्यम से क्रमशः 10 रूपए, 6 रूपए तथा 6.50 रूपए प्रतिकिलो की दर पर विक्रय किया जा रहा है। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गो-कास्ट, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्री का निर्माण एवं विक्रय कर लाभ अर्जित कर रही हैं। गौठानों में महिला समूहों द्वारा इसके अलावा सब्जी एवं मशरूम का उत्पादन, मुर्गी, बकरी, मछली पालन एवं पशुपालन के साथ-साथ अन्य आय मूलक विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे महिला समूहों को अब तक 86 करोड़ 33 लाख रूपए की आय हो चुकी हैं। राज्य में गौठानों से 11,187 महिला स्व-सहायता समूह सीधे जुड़े हैं, जिनकी सदस्य संख्या 83,874 है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत एवं प्राकृतिक पेंट सहित अन्य सामग्री का भी उत्पादन किया जा रहा है।
राज्य में गोधन के संरक्षण और संर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क प्रबंध है। राज्य में अब तक 11,252 गांवों में गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 9619 गौठान निर्मित एवं 1333 गौठान निर्माणाधीन है, 302 गौठानों के निर्माण शुरू कराए जाना है। गोधन न्याय योजना से 3 लाख 6 हजार 520 ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अपील पर राज्य के किसानों द्वारा अपने गांवों के गौठानों को पैरादान किए जाने का सिलसिल अनवरत रूप से जारी है। राज्य के किसान भाई पैरा को खेतों में जलाने के बजाय उसे गौमाता के चारे के प्रबंध के लिए गौठान समितियों को दे रहे हैं। ऐसे किसान भाई जिनके पास पैरा परिवहन के लिए ट्रेक्टर या अन्य साधन उपलब्ध है, वह स्वयं धान कटाई के बाद पैरा गौठानों में पहुंचाकर इस पुनीत कार्य में सहभागिता निभा रहे हैं। गौठान समितियों द्वारा भी किसानों से दान में मिले पैरा का एकत्रीकरण कराकर गौठानों में लाया जा रहा है। अब तक गौठानों में 2 लाख 25 हजार पैरा गौमाता के चारे के लिए उपलब्ध है, जबकि 2.29 लाख क्विंटल पैरा का संग्रहण गौठानों में कराया जा रहा है।