Thursday, March 28

कांग्रेस को लगता है कि ‘डकैती करना’ उसका हक है और किसी को सवाल नहीं उठाना चाहिए: पात्रा

रायपुर/नयी दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस को लगता है कि ‘‘डकैती’’ करना उसका हक है और किसी को उस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. पात्रा ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र से जुड़े धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ किए जाने के खिलाफ ‘सत्याग्रह’ करने को लेकर पार्टी की ंिनदा की.

पात्रा ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाइयों के प्रमुखों और नेताओं को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाओं के पास ‘सत्याग्रह’ करने के लिए कहा है. महात्मा गांधी ने ब्रितानी शासन से स्वतंत्र होने के लिए देश के संघर्ष के दौरान ‘सत्याग्रह’ किया था. भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उनके पाखंड और दोहरे मानकों की पराकाष्ठा देखिए कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले तथाकथित लोग राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर सत्याग्रह करेंगे. वे बापू का नाम खराब करेंगे.’’ सोनिया गांधी मामले में दूसरे दौर की पूछताछ के लिए मंगलवार को दिल्ली में ईडी के सामने पेश हुईं. उनके बेटे राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य सांसदों को कांग्रेस अध्यक्ष से पूछताछ किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में हिरासत में लिया गया.

पात्रा ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भाजपा कार्यालय ‘कुशाभाऊ ठाकरे परिसर’ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे कई बार लगता है कि कांग्रेस के लिए ईडी का अर्थ ‘एन्टाइटलमेंट फॉर डकॉइटी’ (डकैती करने का अधिकार) है. उन्हें लगता था कि डकैती करना उनका अधिकार है और किसी को उनसे सवाल नहीं करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उनके खिलाफ जांच नहीं की जाएगी.

पात्रा ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करना भाजपा का सिद्धांत रहा है. कांग्रेस नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी के समक्ष आज सोनिया गांधी के उपस्थित होने के खिलाफ जिस प्रकार सत्याग्रह का नाटक कर रही है, पूरा देश उसे देख रहा है.’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं बचा है, जिसे वह उठा सके.

उन्होंने ‘सत्याग्रह’ करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सोनिया जी हमें कबूलनामा चाहिए, हंगामा नहीं.’’ पात्रा ने कहा, ‘‘जांच (कानून के तहत) एक उचित प्रक्रिया है. देश में कानून अपना काम करेगा और एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा. यह भारत की खूबसूरती है.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के पास से 21 करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए, (दिल्ली में) आम आदमी पार्टी के मंत्री सत्येंद्र जैन के पास से नकदी मिली और अदालत ने 5,000 करोड़ रुपए के गबन वाले नेशनल हेराल्ड मामले में कड़ी टिप्पणियां की हैं.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा देश से सवाल करती है कि क्या इन मामलों की जांच नहीं होनी चाहिए? पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ 5,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जो उनसे स्वाभाविक रूप से पूछताछ की जाएगी.

कांग्रेस ने संविधान के प्रति कभी सम्मान नहीं दिखाया: केंद्रीय मंत्री प्रधान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की आलोचना करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस को आड़े हाथ लिया और दावा किया कि प्रमुख विपक्षी पार्टी ने कभी भी संविधान के प्रति सम्मान नहीं दिखाया. वरिष्ठ भाजपा नेता ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश की प्रति फाड़ने का हवाला दिया और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी संवैधानिक मूल्यों की पूरी तरह अवहेलना करती है.

वर्ष 2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) ने आपराधिक आरोपों के सामना कर रहे लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति देने वाला अध्यादेश मंत्रिमंडल से पारित किया था, जिसे राहुल गांधी ने एक संवाददाता सम्मेलन में फाड़ दिया था. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधान ने आपातकाल का भी उल्लेख किया.

राहुल गांधी द्वारा यह कहे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में पुलिसिया राज स्थापित हो गया है और जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है, प्रधान ने कहा, ‘‘यह सब कल्पना अधारित बातें हैं.’’ राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन के मामले में सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

प्रधान ने विपक्षी दल का यह कहते हुए मजाक उड़ाया कि कांग्रेस को इस प्रकार के दावे करने का हक नहीं है क्योंकि जब वह सत्ता में थी तब उसने कई मौकों पर संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना की. उन्होंने कहा, ‘‘जिन्होंने संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना करते हुए देश में आपातकाल थोपा, उन्हें ऐसे आरोप लगाना शोभा नहीं देता है. उन्होंने संविधान के प्रति कभी सम्मान नहीं दिखाया. जब कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे तब भी राहुल गांधी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित एक अध्यादेश को फाड़ दिया था.’’

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