कोरबा। एसईसीएल की सुराकछार-बलगी के कोयला खदानों में डि-पिल्लरिंग के कारण सुराकछार बस्ती में हुए भू-धसान से प्रभावित किसान को हुए खेती-किसानी के नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कटघोरा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा तथा उन्हें भू-धसान से हुए नुकसान की जानकारी देते हुए प्रभावित किसानों को वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक तीन वर्षों में हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति दिलाने तथा प्रभावित भूमि का समतलीकरण कर खेती करने योग्य बनाने की मांग की है।
इससे पूर्व माकपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, जिसमें किसान नेता जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक, भू विस्थापित नेता रघु लाल यादव, दामोदर श्याम, रेशम यादव, प्रभावित किसान गणेश राम चौहान, महिपाल सिंह कंवर आदि शामिल थे। प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद माकपा प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन कटघोरा एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर को सौंपा। ज्ञापन में माकपा ने कहा कि 2009 के बाद सैकड़ों हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि भू-धसान के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गई है। भूमि में दरारें इतनी गहरी है कि वह पूरी तरह तालाब, झील और खाई में तब्दील हो चुकी है। अब इस जमीन में किसानों के लिए किसी भी प्रकार का कृषि कार्य करना संभव नहीं है।
माकपा ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट रुप से मांग की है कि प्रभावित किसानों को तीन वर्षों के मुआवजा राशि का तत्काल भुगतान किया जाए तथा भू-धसान को बढ़ते दायरे को रोकने के लिए और प्रभावित किसानों की भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए भूमि का समतलीकरण किया जाए। माकपा नेता झा ने कहा है कि किसानों की समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया, तो पार्टी के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।
इस संबंध में कलेक्टर तथा एसईसीएल महाप्रबंधक को भी पत्र दिया गया है। इसके पूर्व भी माकपा ने सूराकछार बस्ती के प्रभावित किसानों की समस्याओं को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी है। लगातार संघर्ष के कारण ही भू धसान प्रभावित किसानों को नौ वर्षों तक फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा मिला है।