कुपोषण के लक्षण
हर समय थकान महसूस करना और ऊर्जा की कमी होना
संक्रमणों से उबरने में लंबा समय लेना,घाव भरने में देरी चिड़चिड़ापन कमज़ोर एकाग्रता मे कमी लगातार दस्त होना।
विटामिन ए की कमी से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
आखिर क्या है यह कार्यक्रम?
सीएसएएम क्लिनिक में बच्चों के किस समूह का नामांकन होना चाहिए?
इस कार्यक्रम में बच्चों का नामांकन कैसे करें?
एनआरसी में किस समूह के बच्चों का नामांकन होना चाहिए?
बच्चों को सीएसएएम कार्यक्रम में कितने समय तक रहना होगा?
चिकित्सा जटिलताओं, भूख परीक्षण और एडिमा ।
जेड स्कोर क्या है? और इसकी गणना कैसे करें?
11 चरणों और सभी 9 दवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कुपोषण के प्रकार
कुपोषण के प्रमुख कारण
रेकॉर्डिंग और रिपोटिंग एवं भूमिका और जिम्मेदारी
CSAM कार्यक्रम में डिस्चार्ज के बाद फ़ॉलोअप उपकरण और आपूर्ति NRC में एडमिट सभी बच्चो की माताओ के साथ पोष्टीक भोजन बनाने के बारे में बताया गया ताकि 15 दिन के डिस्चार्ज के बाद भी बच्चा दोबारा कुपोषण की श्रेणी में ना आये और साथ हीं माता को 6 माह तक सतत स्तनपान और 7वें माह से स्तनपान के साथ ऊपरी आहार के बारे में जानकारी दी गयी..जिसमे NRC के
फीडिंग डिमांस्ट्रटर सुश्री कौशालिया गोयल और श्रीमती रंजीता मंडावी
स्टाफ नर्स सुश्री बबिता महापात्रे एवं श्रीमती रोहिणी काका
कुक सुश्री मनीषा लकड़ा और सुश्री नवीना एला और श्री अनंत कोड़े अटेंडर श्री गजेंद्र बोरका उपस्थित थे
बीजापुर 10 जनवरी 2023- महिला एवं बाल विकास विभाग एवं वर्ल्ड विज़न इंडिया यूनिसेफ़ से श्रीमती सरिता देशमुख जिला समन्वयक जिला बीजापुर द्वारा मद्देड एवं भोपालपटनम के NRC के स्टाफ एवं कुपोषित बच्चो के माताओ के साथ CSAM के संबंध में विभिन्न विषयों पर चर्चा किया गया जिसमे सरिता देशमुख द्वारा बताया गया की शरीर के लिए आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। अत: कुपोषण की जानकारियाँ होना अत्यन्त जरूरी है। कुपोषण प्राय: पर्याप्त सन्तुलित अहार के आभाव में होता है।