रायगढ़। एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन अपने सारे कार्यालयों को आधुनिक और ऑनलाइन करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहा है वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक उदासीनता के कारण विभिन्न विभागों की वेबसाइट आधी अधूरी पड़ी है।
किसी में 3 वर्ष तो किसी में 2 वर्ष से कोई अपडेट नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण आम नागरिकों को वापस उसी ढर्रे में शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कहने को तो नगर एवं ग्राम निवेश का दफ्तर रायगढ़ में भी है परंतु उनके द्वारा पास किए गए विभिन्न प्रोजेक्ट ऑनलाइन नहीं दिखाई देते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी साइट अपडेट नहीं की है। रायगढ़ व्यापारी संघ के संयोजक राजेंद्र अग्रवाल और हीरा मोटवानी ने प्रशासन से मांग की है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों को निर्देशित करें कि वह अपनी वेबसाइट को अपडेट करें जिससे न केवल अद्यतन जानकारियां आम जनता तक पहुंच पाए बल्कि आम जनता के लिए शासन द्वारा संचालित सभी योजनाओं की जानकारी मिल सके। वही कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी उसी साइट में अपडेट करें तो लोगों को उनसे संपर्क करने में आसानी होगी। वर्तमान में आज भी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मोबाइल नंबर न होकर लैंडलाइन नंबर है जो या तो बंद रहते हैं या फिर उन्हें उठाया नहीं जाता, उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की यह स्पष्ट मंशा है कि सारे कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएं परंतु कर्मचारी ऐसा नहीं चाहते क्योंकि ऐसा हो जाने से उनकी पूछ परख कम हो जाएगी और चाय पानी भी बंद हो जाएगा। व्यापारी संघ ने मांग की है कि सारे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा अपने कार्यालयों को प्रतिवर्ष दिये जाने वाले अपनी संपत्ति के घोषणा पत्र भी सार्वजनिक किये जाए ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।