
जिले में धान उपार्जन केन्द्रों की पारदर्शी एवं डिजिटल व्यवस्था से किसानों को धान विक्रय में अभूतपूर्व सुविधा मिल रही है। शासन द्वारा अपनाई गई नई तकनीकी के चलते अब किसान घर बैठे मोबाइल फोन से ‘तुहंर टोकन’ ऐप के माध्यम से टोकन काटकर निर्धारित तिथि पर उपार्जन केन्द्र पहुंच रहे हैं, जिससे समय, श्रम और संसाधनों की बचत हो रही है।
बतौली विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पथरई निवासी कृषक श्री नंदलाल पैकरा ने इस डिजिटल व्यवस्था का सफल उपयोग करते हुए अपने मोबाइल से 52 क्विंटल धान का पहला टोकन घर बैठे ही काटा। उन्होंने बताया कि पहले टोकन कटवाने के लिए उपार्जन केन्द्र में लंबी कतारों में लगना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी होती थी। अब मोबाइल ऐप के माध्यम से यह प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है और भीड़भाड़ से भी राहत मिली है। श्री पैकरा ने बताया कि सेदम धान उपार्जन केन्द्र पहुंचने पर सबसे पहले धान की नमी की जांच की गई, जिसके उपरांत हमालों द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार धान की तौल की गई। पूरी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुचारू रही। उन्होंने बताया कि वे कुल 105 क्विंटल धान का विक्रय कर रहे हैं और अब तक की तौल प्रक्रिया से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि ‘तुहंर टोकन’ ऐप के उपयोग से किसानों का समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है। डिजिटल तकनीक अपनाने से किसान अब अधिक जागरूक और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। यह व्यवस्था छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हो रही है।
किसान श्री नंदलाल पैकरा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार की धान खरीदी नीति की सराहना करते हुए बताया कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य मिलने से किसानों को आर्थिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग वे खेती-किसानी को और अधिक विस्तार देने, उन्नत बीज, खाद में कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है।
जिले के धान उपार्जन केन्द्रों में किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। डिजिटल टोकन व्यवस्था, पारदर्शी तौल प्रक्रिया और सुव्यवस्थित प्रबंधन के चलते धान विक्रय की प्रक्रिया अब पहले की तुलना में अधिक सरल, सुगम और भरोसेमंद बन गई है। इससे किसानों में संतोष और विश्वास बढ़ा है तथा वे शासन की योजनाओं से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।







