केशकाल:- केशकाल विकासखंड अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों को अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के तहत वन अधिकार मान्यता पत्र एवं ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया। बुधवार को विधायक निवास में प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं केशकाल विधायक संतराम नेताम के हाथों से केशकाल विकासखंड के कुल 42 हितग्राहियों को वन अधिकारी मान्यता पत्र बांटा गया है। वहीं गुरुवार को बड़ेराजपुर विकासखंड के 285 हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र वितरण किया जाएगा। इस दौरान वि.स उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल जी के द्वारा छत्तीसगढ़ के मूल निवासी एवं परंपरागत निवासियों के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए पहल की गई है यह सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि बस्तर के सभी विधायकों ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग किया था कि जल्द से जल्द सभी पात्र हितग्राहियों को अधिकार पत्र दिया जाए। परिणामस्वरूप बस्तर के निवासियों की जल जंगल जमीन की मांग पूरी हुई है। पूरे प्रदेश में कोंडागांव जिले के सर्वाधिक हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र बांटा गया है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक पात्र हितग्राहियों को यह अधिकार पत्र मिले ताकि हमारे विधानसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके।वि.स उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने वनों के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जंगल की सुरक्षा करना हम सभी का दायित्व है। क्योंकि जंगलों के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र के लोग लघुवनोपज का संग्रहण करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। हमारी सरकार कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य चीजों को भी समर्थन मूल्य में खरीद कर ग्रामीणों को आर्थिक रूप से लाभ देने का काम कर रही है। और भविष्य में भी हमारी सरकार किसान, मजदूर, व्यापारी, शसकीय कर्मचारियों के विकास व उत्थान करने के लिए कार्य कर रही है। इस दौरान उर्दू अकादमी बोर्ड के सदस्य सगीर कुरैशी, वरिष्ठ कांग्रेसी अगनु मण्डावी, पार्षद पंकज नाग, वसीम मेमन, खिलेश्वर शोरी, अरमान मेमन, एसडीएम शंकरलाल सिन्हा, तहसीलदार आशुतोष शर्मा, जनपद सीईओ के.एल फाफा समेत सभी हितग्राही मौजूद रहे।
हम खुश है कि पक्के आवास में रहेंगे: बिरहोर श्यामलाल और सुनीता को मिला पीएम आवास
रायपुर । कोरबा जिले के पाली ब्लॉक के अंतर्गत डूमरकछार निवासी पीवीटीजी श्यामलाल बिरहोर का कहना है कि हम पांच पीढ़ी से यहां रह रहे हैं। गरीबी इतनी थी कि…