कोरबा 30 दिसम्बर 2024/ यूँ तो सावित्री बाई अब लगभग 65 साल की है लेकिन उन्हें अब भी याद है कि जब वह 47-48 साल पहले इस गाँव में आई थी तब उनके खेती-किसानी की जमीन बाँगो डुबान में समा गई। लगभग पाँच दशक पहले खेत पानी में डूब जाने के पश्चात सावित्री बाई अपने पति के साथ लगभग आधा एकड़ में ही फसल लेती है। वह सतरेंगा में एक छोटा सा होटल भी चलाती है। यहाँ के पिकनिक स्पॉट में आने वाले पर्यटकों के भोजन करने पर ही उनकी आमदनी होती है, वर्ना उनकी आमदनी की कोई गारंटी नहीं होती। सावित्री बाई को खुशी है कि आमदनी के लिए दिन भर पर्यटकों के आने का इंतजार के बाद भी जब कोई नहीं आता तब भी उन्हें अब ज्यादा चिंता नहीं रहती, क्योंकि महीने में उनके खाते में हर माह एक हजार रुपए महतारी वंदन योजना से मिल जाता है। यह राशि उनके लिए बहुत काम की होती है। घर का खर्च चलाने में महतारी वंदन की राशि का उपयोग होता है।
कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम झोरीबहार सतरेंगा की सावित्री बाई ने बताया कि बेटो की शादी होने के साथ सभी अलग-अलग रहते हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद वह इस गाँव में आई। जब वह 22 साल की थी तभी बाँगो डुबान में उनकी खेती की जमीन पानी में डूब गई। खेत पानी में डूबने के बाद हाजरी-मजदूरी करके जीवन यापन करना पड़ा। इस बीच सतरेंगा पिकनिक स्पॉट में छोटा सा होटल खोली है। यहाँ पर्यटक आने और उनके होटल में खाना खाने से ही कुछ कमाई हो जाती है। उन्होंने बताया कि हर दिन कुछ कमाई हो जाए यह निश्चित नहीं होती,लेकिन जब से मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव की सरकार ने महतारी वंदन योजना शुरू की है तब से खाते में एक हजार रुपए आने की गारंटी होती है। उन्होंने बताया कि यह राशि होटल चलाने में भी मदद करती है। कई बार होटल के लिए चावल, सब्जी और अन्य सामग्री खरीदने के लिए पैसे नहीं होने पर योजना से मिली राशि का उपयोग कर लेती है और इस पैसे से अतिरिक्त पैसा बना लेती है। घर के अन्य सामान खरीदने के लिए भी महतारी वंदन की राशि मददगार बनती है।
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