जगदलपुर। केंद्रीय इस्पात सचिव संजय सिंह ने दो टूक कहा है कि एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण होना तय है लेकिन बस्तर के श्रमिकों के हितों का संरक्षण सरकार करेगी, उनके हित प्रभावित न हो इस बाबत वे पूरा प्रयास करेंगे। तीन दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे इस्पात सचिव ने नगरनार संयंत्र के श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से सर्किट हाउस में चर्चा करते हुए कहा कि वे 90 के दशक में बस्तर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्हें बस्तर से काफी लगाव है। इस कारण वे इस्पात सचिव बनने के बाद बस्तर प्रवास पर आए है। उन्होंने कहा कि बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट भविष्य में भिलाई की तर्ज पर बस्तर को नई पहचान देगा।
एनएमडीसी को स्टील प्लांट चलाने का अनुभव नहीं
इस संयंत्र का निर्माण भले एनएमडीसी ने करवाया हो पर उसे स्टील प्लांट चलाने का अनुभव नहीं है। इस कारण इस संयंत्र का विनिवेशीकरण किया जाना है, इसलिए इसका विरोध नहीं होना चाहिए। यह संयंत्र बस्तर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। श्रमिक संगठनों की मांग पर इस्पात सचिव ने कहा कि वे स्थानीय श्रमिको के हितों की रक्षा करेंगे, जो भी सम्भव होगा उसे वे सरकार की जानकारी में लाकर उन्हें एमओयू में शामिल करवाने की कोशिश करेंगे।
रोजगार के नए अवसर मिलेंगे
आगे उन्होंने कहा कि यह संयंत्र बस्तर के दशकों पुराने सपने को पूरा करने बना है यहां के लोगो को इससे काफी उम्मीदें है। इससे विकास तो होगा ही साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, इस बात को भी समझने की जरूरत है। चर्चा में एसकेएमएस के अध्यक्ष संतराम सेठिया, सचिव महेंद्र जान,स्टील यूनियन के अध्यक्ष मन दास कश्यप सचिव वीरेंद्र नाथ सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
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