राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम: लोगों से नेत्रदान की अपील

बेमेतरा । राष्ट्रीय दृष्टिहीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत कलेक्ट रणबीर शर्मा के निर्देशन में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 25 अगस्त से 08 सितंबर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा पूरे बेमेतरा जिले के समस्त विकासखण्ड में मनाया जा रहा है। इस संबंध में बुधवार को जिले के समस्त नेत्र सहायक अधिकारियों का कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रशिक्षण कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में लोगों से अपील है कि इस पुनीत कार्य के लिए आगे आए और लोगों को नेत्रदान हेतु प्रेरित करें।  ताकि नेत्रहीन लोगों के जीवन में रोशनी लाई जा सकें।
   बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत कुसार धु्रव एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड द्वारा बताया कि हमारी आंखे हमारे मृत्यु के बाद भी किसी के काम आ सकती है। मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके शरीर के एक ही अंग काम आ सकता है, वो है नेत्र। नेत्रदान मृत्यु के बाद ही किया जाता है। नेत्रदान के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह अपने जीते जी घोषणा पत्र भरा हो। नेत्रदान कोई भी व्यक्ति कर सकता है, किन्तु रेबीज, एड्स, टिटेनेस, हेपेटाइटिस, सर्पदंश, लेप्रोसी, जहर, सिफलिस, डूबकर या जलकर, ऑख का कैंसर, फॉसी लगााकर, ब्लड कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक एवं संक्रामक बीमारी व्यक्ति नेत्रदान के लिए उपयुक्त नही रहती।
       यदि किसी की आंख के कॉर्निया की सफेदी कॉर्नियल ओपेसिटी के कारण दृष्टिहीनता है तो उसकी कॉनिया बदलने से वह व्यक्ति अंधेपन से छुटकारा पा सकता है और नेत्रदान करने वाला व्यक्ति मरने के बाद भी इस व्यक्ति की आंख से दुनिया देख सकता है। ऑख के कॉनिया में सफेदी आंखो के संक्रमण, चोट लगने, विटामिन ए की कमी, कुपोषण, कॉनियल डिस्ट्रॉफी और कुछ जन्मजात कारणो से होती है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति की आंख में घाव हो जाए व उसकी पुतली कमजोर हो जाए तो उसकी आंखो की संरचना खराब होने से बचाने के लिए भी पुतली बदलने का ऑपरेशन किया जाना है जो कि एक आपातकालीन स्थिति है। नेत्रदान संबंधी प्रक्रिया कोविड-19 से बचाव शासन के समस्त दिशा-निर्देर्शो का पालन करके किया जाना है। नेत्रदान के लिए मृत व्यक्ति के वारिस से लिखित सहमति लेने के बाद ही प्रशिक्षित अधिकारी के द्वारा मृत्यु के 06 घंटे के भीतर नेत्र गोलक को निकाला जाता है। मृत्यु के बाद मृतक की आंखे बंद कर देनी चाहिए, पंखा भी बंद कर देना चाहिए। गर्मी का समय हो तो पलकों के ऊपर गीला कपड़ा या रूई रख दें। यदि बर्फ हो तो कपड़े/रूई के ऊपर रख दें। एक व्यक्ति के नेत्रदान से 2 दृष्टिहीन पुनः दुनिया देख सकते है।
  • Related Posts

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 23 अक्टूबर को ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का करेंगे शुभारंभ

    *कृषि विश्वविद्यालय में एग्री कार्नीवाल-2024* रायपुर, 22 अक्टूबर 2024/ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का आयोजन किया जा रहा…

    वनमंत्री ने घायल जवानों से मुलाकात कर कुशलक्षेम जाना

    रायपुर, 22 अक्टूबर 2024/ वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने राजधानी रायपुर के निजी अस्पताल में इलाजरत घायल जवानों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और उनके…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *