Friday, May 17

अब महंत ने कोसा मोदी को, गौरव भाटिया ने छोड़ी कांग्रेस, कभी मर्जी बिना पत्ता नहीं हिलता था, आज मर्जी से पत्ता भी नहीं हिला पाते, वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…

 

 

बड़ी दुखद स्थिति है कांग्रेस की, खून के आंसू पी रहे सच्चे और पुराने कांग्रेसी। स्थिति संभालते नहीं बन रही। क्या करें जिससे कांग्रेस को बचा पाएं समझ में नहीं आ रहा।
जाने क्यों बार-बार कांग्रेसी मोदी को कोसते हैं और जनता को अपने से और अधिक दूर करते जाते हैं।
बिलासपुर के विधायक सुशांत शुक्ला ने एक माह पूर्व राहुल गांधी के विरूद्ध थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि 8 फरवरी को न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री की जाति के संबंध में भ्रमात्मक टिप्पणी की और अनर्गल बातें कीं।
राहुल के बाद अब प्रदेश के कद्दावर नेता चरणदास महन्त ने मोदी पर अनचाही टिप्पणी कर दी। निस्संदेह बेहद खराब टिप्पणी की है। जिसकी कोई आवश्यकता भी नहीं थी। इसे अंग्रेजी में ‘स्लिप आॅफ टंग’ यानि जबान फिसलना कहा जाता है।
नाराज भाजपाईयों ने हर तरीके से महन्त का विरोध दिखाया है। यहां तक कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समर्थकों के साथ महन्त के बंगले का घेराव किया और कहा कि सबसे पहले हमें लाठी मारो।
दरअसल कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने के लिये राजनांदगांव की एक चुनावी सभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महन्त ने कह दिया कि ‘लाठी रखने वाला आदमी चाहिये। मोदी का सिर फोड़ने वाला आदमी चाहिये’।
उनकी समभा में बेशक हर्षोल्लास से समर्थक चीखे, चिल्लाए पर राजनीति के जरा भी जानकार लोग ये जानते हैं कि इससे कांग्रेस के वोट कम होंगे। जहां भी मोदी को कोसा गया है वहां मोदी का याने भाजपा को वोट बढ़ा है। कांग्रेस के प्रति लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है।
बेशक आम अवाम मोदीजी के विरूद्ध की गयी बातों से नाराज होकर घर बैठ जाती है, बिलासपुर विधायक की तरह रिपोर्ट कराने थाने नहीं जाती, लेकिन इसका अर्थ ये नहीं की वो कांग्रेस को माफ कर देती है। अवाम को बस मौका मिलना चाहिये। ये मौका मिलता है चुनाव में, जिसमें वो कांग्रेस को निपटा देती है।
ये बात कांग्रेसी क्यो नहीं समझते ? उनकी इस तरह वस्तुस्थिति को न समझने के कारण कमलनाथ जो मध्यप्रदेश में उनकी पार्टी कांग्रेस के आधार स्तम्भ हैं, थोड़ा पीछे जाएं तो लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस का साथ छोड़ कर भाजपा में जाने को तत्पर दिख रहे थे।
हालांकि भाजपा के अंदरूनी विरोध और सिख दंगों में उन पर लांछन लगा होने के कारण भाजपा पीछे हट गयी अन्यथा आज वे भाजपा में होते। ईधर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता गौरव वल्लभ जिन्हें हमने बहुत बार टीवी पर बहस के दौरान कांग्रेस की तरफ से भाजपा को कोसते हुए देखा है, कल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये।
क्दाचित् वे इस बात को भांप गये कि चाहे कुछ भी कर लो अब कांग्रेस का जीर्णोद्धार संभव नहीं है। और दूसरी बात अब भाजपा निरंतर प्रगति के पथ पर है और
उनके पास कांग्रेस से बेहतर से भी बेहतर विकल्प भाजपा है जिसमें वे शामिल हो सकते है। कांग्रेस हाईकमान को भी समझ में आ गया है कि ‘कांग्रेस में कभी उनकी मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता था और आज के हालात् में उनकी मर्जी से पत्ता भी नहीं हिलता’…..
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जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
मोबा. 9522170700
‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’
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